सीएम योगी (CM Yogi Adityanath) के सोशल मीडिया शाखा में तैनात वैशाली एनक्लेव इंदिरानगर निवासी पार्थ श्रीवास्तव (Parth Srivastava) ने बुधवार शाम को आत्महत्या कर ली। पार्थ ने दो पन्ने का सुसाइड नोट लिखकर ट्वीट (tweet) किया था। नोट में उसने साथ में काम करने वाले पुष्पेंद्र सिंह और शैलजा पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है और इन्हें अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है।
पार्थ (Parth) ने सुसाइड नोट ट्वीट कर सूचना निदेशक शिशिर सिंह को टैग किया था। खास बात यह है कि पार्थ का ट्वीट रहस्यमय हालात में डिलीट भी हो गया। अब सवाल यह है कि पार्थ का ट्वीट किसने डिलीट किया। इंस्पेक्टर इंदिरानगर अजय प्रकाश त्रिपाठी के मुताबिक बुधवार को पार्थ ने अपने कमरे में फांसी लगाई थी। परिवार वाले फंदे से नीचे उतारकर पार्थ को लोहिया अस्पताल लेकर गए थे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। इंस्पेक्टर का कहना है कि इस संबंध में परिवारजन ने कोई शिकायत नहीं की है। तहरीर मिलने पर छानबीन की जाएगी। सवाल यह है कि पार्थ ने आखिर किस दबाव में आत्महत्या की और इसका कारण क्या था?
सुसाइड नोट में लिखी आपबीती👇👇
पार्थ ने लिखा है कि-
“मैं उम्मीद करता हूँ कि शिशिर कुमार सर इस बात पर उचित कार्रवाई करें। नोट में आगे लिखा है कि मुझसे गलतियां भी हुईं और वे गलतियां न दोहराने की कोशिश भी की, लेकिन शैलजा जो सिर्फ चाटूकारिता कर अपनी जगह पर थीं। उन्होंने मेरी छोटी सी छोटी गलती को सबके सामने उजागर कर मुझे नकारा साबित कर ही दिया। शैलजा जी को बहुत बहुत बधाई। मेरी आत्महत्या एक कत्ल है, जिसके जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ राजनीति करने वाली शैलजा और उनका साथ देने वाले पुष्पेंद्र सिंह हैं”
गौरतलब है कि सीएम का Twitter हैंडल चलाने वाले पार्थ ने अपने सीनियर पुष्पेंद्र द्वारा लगातार की जा रही प्रताड़ना की कई बार शिकायत भी की थी, लेकिन कोई कार्यवाही ना होने पर आत्महत्या को मजबूर हुआ CM सोशल मीडिया का कर्मचारी पार्थ। कई बार पुष्पेंद्र ने कार्यालय में ही उसकी सार्वजनिक बेइज्जती भी की थी! पुष्पेंद्र सिंह उसे नौकरी से निकलवाने की धमकी भी देता था।
बता दें कि आरोपित पुष्पेंद्र सिंह मान्यता प्राप्त पत्रकार है और मुख्यमंत्री के सोशल मीडिया शाखा में काम करता है। इसी कार्यालय में शैलजा भी कार्यरत है।
CM सोशल मीडिया हब के पुष्पेंद्र सिंह सूचना निदेशक शिशिर सिंह के काफ़ी करीबी बताए जाते हैं। पुष्पेंद्र अपनी इन्ही हरकतों को लेकर कई बार और भी चर्चा में रहा है।
सूचना विभाग की नयी बिल्डिंग पंडित दीनदयाल उपाध्याय सूचना परिसर के पाँचवें तल पर बने ऑफ़िस में बैठता था पार्थ और उसका सीनियर पुष्पेंद्र।
उधर पार्थ की बहन ने सीएम सोशल मीडिया टीम के कर्मियों पुष्पेंद्र सिंह और शैलजा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि दोनों मिलकर उनके भाई को प्रताड़ित करते थे। उनकी प्रताड़ना से तंग आकर पार्थ ने आत्महत्या की और मौत से पहले व्हाटसएप पर सुसाइड नोट भेजा। उनके मुताबिक पार्थ का फोन पुलिस के पास था।
Partha Srivastava की बहन ने कहा कि पुलिस बताए कि उनके भाई का टवीट आखिर किसने डिलीट किया। अब तक एफआईआर नहीं लिखी गई। मौत से पहले लिखे गए पत्र में तीन अन्य नाम भी दर्ज हैं। पर अब तक पुलिस ने इन तीनों पर एक्शन नहीं लिया है। आरोपियों में दो मान्यता प्राप्त पत्रकार भी शामिल हैं।
इस मामले पर रिटायर्ड IAS सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट करके सवाल उठाया है
रिटायर आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने टिवटर पर लिखा है कि एक बच्चा था पार्थ, अक्सर ट्विटर पर मुझे अभद्र भाषा में जवाब देता था। आज मालूम चला वह मुख्यमंत्री की आधिकारिक सोशल-मीडिया हब का सदस्य था और उसने आत्महत्या कर ली है। मौत से पहले उसने @ShishirGoUP से न्याय की गुहार का एक ट्वीट कियाए जो अब हटा लिया गया है। इस प्रकरण की जाँच हो।
CM ऑफिस के 2 कर्मचारियों को सवांददाता घोषित कैसे किया?
CM की सोशल मीडिया टीम के कर्मचारी पार्थ श्रीवास्तव की आत्महत्या के बाद किया गया ट्विट👇👇
cm yogi adityanath social media team member parth srivastava hang himself, up cm social media team member got suicide, cm yogi, up cm, yogi adityanath, twitter, parth srivastava lucknow, team yogi, suicide note of parth srivastava
Post Views: 291
Like this:
Like Loading...
Related