मुख्तार अंसारी की आवभगत के इंतजार में है यूपी की बाँदा जेल

1980 से गाजीपुर का रहने वाला मुख्तार अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह था। मऊ से चुनाव लड़ता रहा है। 5 बार का विधायक, अपने सुविधानुसार सपा, बसपा में आता जाता रहा। अधिकाश बार जेल से चुनाव लड़ता और जीतता रहा। उभरता हुआ हर गुंडा, कातिल डकैत चोर उसके गैंग में शामिल होने पर गर्व महसूस करता, चाहे वह किसी जाति या धर्म का हो। 

मुसलमानों का मसीहा था, वो उसे आंख मूंद कर वोट देते और मुख्तार खुलकर मजहबी सियासत करता। जब भी कोई नया गैंग उसके खिलाफ उभरता था, तो उसे मिटाने में जुट जाता था। 

कोई टिका तो बनारस के माफिया डॉन ब्रजेश सिंह जो फिलहाल जेल मे बंद हैं। ब्रजेश और उसके गिरोह के ही डर से मुख्तार जेल में रहता है। बाहर आता भी है तो जल्द से जल्द जमानत रद्द करा वापस जेल चला जाता है। भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या उसका सबसे जघन्य अपराध रहा है। उसमे शामिल मुन्ना बजरंगी जैसे कई अपराधियों का सफाया हो चुका है। 

उसका एंबुलेंस चलता फिरता किला है, बिना डॉक्टर बुलेटप्रूफ एम्बुलेंस में हथियारों के साथ मुख्तार चलता है। माया मुलायम तो उसकी जेब मे थे ही, कानून भी उसकी जेब में था। पर इसकी बदकिस्मती योगी सीएम बन गए। अब तक 250 करोड़ की संपत्ति या तो जब्त हुई या नष्ट कर दी गई।
मुख्तार अंसारी को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब से वापस यूपी भेजने का आदेश जारी कर दिया है। अब खबर आ रही है कि मुख्तार अंसारी को यूपी पुलिस नहीं खुद पंजाब पुलिस लेकर आएगी और उसे सीधे बाँदा जेल लाया जाएगा। इसके मद्देनजर बाँदा जेल की सुरक्षा व्यवस्था टाइट कर दी गयी है। उसे यहाँ एक अलग सेल में रखा जाएगा। अभी फिलहाल इसकी कोई तारीख तय नहीं हुई है। यूपी की बांदा जेल उसके आवभगत के इंतजार में है। 

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