कोरोना महामारी के इलाज के लिए दुनिया के कई देशों में वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। कोरोना को हराने की प्रतिस्पर्धा में आयुर्वेद भी आगे आ गया है। नीम के औषधीय गुणों से तो हम सभी परिचित हैं। नीम को प्राचीन काल से ही एक प्राकतिक एंटीसेप्टिक और कीटाणुनाशक के रूप में जाना जाता रहा है। यही वजह है कि प्राचीन काल से ही लोग नीम के पेड़ को अपने आसपास अवश्य लगाते रहे है।
अब कोरोना को खत्म करने के लिए नीम के कैप्सूल पर परीक्षण किया जा रहा है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो घर-घर में मिलने वाला नीम कोरोना को खत्म करने के लिए रामबाण इलाज साबित हो सकता है।
गौरतलब है कि ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद (एआईआईए) के साथ मिलकर आयुर्वेद कंपनी निसर्ग बायोटेक नीम के कैप्सूल पर शोध कर रही है। सात अगस्त से इन कैप्सूल पर शोध प्रक्रिया शुरू किया गया और अब 12 अगस्त से नीम के बने इस कैप्सूल का मानव परीक्षण भी शुरू हो चुका है।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय और हरियाणा सरकार ने स्वीकृति मिलने के बाद इसका परीक्षण फ़रीदाबाद के ईएसआईसी अस्पताल में किया जा रहा है। यदि नीम कैप्सूल का ह्यूमन ट्रायल सफल रहा तो जल्द ही हमारा देश इस प्राकृतिक कीटाणुनाशक द्वारा कोरोना पर काबू पाने में कामयाब हो सकता है।