होम क्वारंटाइन होने पर बरतें ये सावधानियां, रिकवरी के लिए लें ये दवाएं

 देशभर में कोरोना संक्रमित लोगों का आंकड़ा अब 20 लाख के करीब पहुंच चुका है हालांकि इसमें से करीब 65 परसेंट लोग स्वस्थ भी हो चुके हैं और अस्सी परसेंट केस में पेशेंट को सीरियस प्रॉब्लम नहीं होती वहीं 45 परसेंट लोगों में हल्के लक्षण होते हैं या फिर वे बिना लक्षण के ही जांच में पॉजिटिव पाए जाते हैं। मेडिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार ऐसे लोग सामान्य आइसोलेशन प्रक्रिया से ठीक हो सकते हैं। ऐसे ही कोरोना के रोगियों के लिए सरकार ने होम आइसोलेशन की सुविधा दी है। मतलब घर पर ही रहकर इलाज करा सकते हैं।
आइए हम आपको बताते हैं कि होम आइसोलेशन में कैसे रहा जाए और इससे संबंधित क्या क्या सावधानियां बरतनी है।

सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि कौन लोग होम क्वारंटाइन हो सकते हैं?



जिन लोगों को क्लिनिकली बताया जाए कि वह कोरोना के हल्के लक्षण वाले हैं या जिनके अंदर लक्षण नहीं है लेकिन वह जांच में पॉजिटिव पाए गए हैं और उनकी उम्र 60 वर्ष से कम है ऐसे लोग होम आइसोलेशन में रह सकते हैं। 

कौन लोग होम क्वारंटाइन नहीं हो सकते हैं?



जिन मरीजों का इम्यून सिस्टम कमजोर है, वे होम आइसोलेशन में नहीं रह सकते हैं। यदि उनमें एचआईवी, ट्रांसप्लांट, कैंसर का इलाज करा रहे मरीज है तो ऐसे लोग भी होम आइसोलेशन में नहीं रह सकते हैं।

साथ ही 60 साल उम्र से ज्यादा के मरीज और जिन लोगों को डायबिटीज की बीमारी, गंभीर लीवर, किडनी की बीमारी, हाइपरटेंशन आदि है उन्हें मेडिकल इमरजेंसी की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे लोगों को भी होम आइसोलेशन की इजाजत नहीं दी गयी है।
होम आइसोलेशन में रहने वाले रोगी के लिए अलग रूम की व्यवस्था होनी आवश्यक है यानी घर में कम से कम दो बाथरूम हो साथ ही रोगी के लिए घर में एक ऐसे केअर टेकर का रहना जरूरी है जो उसकी 24 घंटे देखभाल कर सकें।


होम क्वारंटाइन कोरोना वायरस के मरीजों को इन बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है…
दूसरे कमरे में औरों से अलग रहें और ट्रिपल लेयर मास्क लगाए रहें।
लोगों से खासकर बुजुर्गों से अलग रहे।
निर्देश के मुताबिक मास्क को हर 8 घंटे में बदलता रहे। इस्तेमाल किये मास्क को सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन में आधे घंटे के लिए डाल कर उसे विसंक्रमित करें और फिर उसे डिस्पोज़ करें। 
समय-समय पर टेंपरेचर चेक करते रहे। साथ ही बी कांप्लेक्स और विटामिन सी टेबलेट लेते रहे। 

मरीज समय-समय पर साबुन और पानी से हाथ धोते रहें।
घर के किसी सदस्य के साथ अपनी कोई वस्तु शेयर ना करें।
अपनी बॉडी का टेंपरेचर दिन में दो बार चेक करके चिकित्सा अधिकारी को बताते रहे।
कमरे में सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन से कमरे की सफाई करते रहे।
पूरी तरह से आराम करें।
केअर टेक करने वाले लोग डेली बेसिस अपना टेम्परेचर चेक करें। उनको इस प्रकार के कोई लक्षण दिखते हैं तो मेडिकल के लिए सहायता ले सकते हैं।
होम आइसोलेशन वाले कोरोना मरीज निम्नलिखित दवाएं ले सकते हैं-
(एक वयस्क व्यक्ति के लिए)
पेरासिटामोल-500mg टेबलेट-10
इनरमैक्टिन-12mg- 03 टेबलेट विटामिन-सी 500mg-10 टेबलेट
जिंक-50mg-10 टेबलेट 
काढ़ा पाउच-20 पाउच 

होम क्वारंटाइन मरीज के केयरटेकर के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतना अनिवार्य है
केयरटेकर को मरीज के साथ ट्रिपल लेयर मास्क पहनना चाहिए और इस्तेमाल के बाद इसे फेंक देना चाहिए और अपने मुंह और नाक को छूने से बचना चाहिए।
मरीज के साथ होने पर ग्लब्स का इस्तेमाल करें।
ग्लव्स पहनने उतारने के बाद हाथ को sanitize करते रहे।
मरीजों के इस्तेमाल किये हुए बर्तन को साफ करते हुए ग्लव्स का इस्तेमाल करें।

इसके बाद ग्लव्स को भी विसंक्रमित करके हाथ को सैनिटाइज कर ले।
मरीज के कमरे की वस्तुओं जैसे हैंडल, डोर नॉब को एक परसेंट हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन से साफ करें।
मरीज का ध्यान रखने वाले सभी लोग समय समय पर अपना टेंपरेचर चेक करते रहे और लक्षण दिखने पर टेस्ट कराएं।
मरीज को खाना उसके कमरे में ही दिया जाए।

होम आइसोलेशन कब खत्म होगा इसके लिए निम्न दिशानिर्देश जारी किए गए हैं 



लक्षण दिखने के 10 दिन बाद और 3 दिन तक बुखार ना आने की स्थिति में मरीज होम आइसोलेशन खत्म कर सकते हैं। इसके बाद भी यदि मरीज अपने घर पर 7 दिन रह कर ही आराम करें और स्वास्थ्य लाभ ले तो बेहतर है। 

और कुछ जरूरी बातें जो सभी को जानना जरूरी है वह है कि आपके शहर के मेडिकल ऑफिसर द्वारा आप का परीक्षण किया जाएगा एवं उसका विवरण पोर्टल पर अपडेट होगा।
केयरटेकर और पेशेंट के परिजनों को भी डॉक्टर के परामर्श के अनुसार Hydroxychloroquine लेनी होगी तथा Arogya Setu App डाउनलोड करना होगा व इसमें सूचनाएं अपडेट करते रहना होगा।
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