दोस्तों, क्या आपने कभी सोचा है कि लाख कोशिशों के बाद भी हर व्यक्ति सफल क्यों नहीं होता?
जीवन में सफलता तो हर कोई पाना चाहता है फिर भी क्या कारण है की अधिकतर लोग असफल हो जाते हैं?
आइए इसे आसानी से समझने के लिए शेर और हिरण का उदाहरण देते हैं।
आपको यह जानकर हैरानी होगी की हिरण की गति लगभग 90 किलोमीटर प्रति घंटा होती है और शेर की अधिकतम गति मात्र 58 किमी प्रति घंटा है।
दोनों की गति में इतना बड़ा अंतर होने के बाद भी हिरण अक्सर शेरों के द्वारा शिकार हो जाते हैं।
क्या आप जानना चाहते हैं कि ऐसा क्यों होता है?
इसका कारण ये है कि जब भी कोई हिरण शेर को देखता है तो वो अपनी जान बचाने के लिए भागता है, एक भय के साथ भागता है।
उसके मन में यह नकारात्मक विचार पहले से ही होता है कि शेर उसे कभी नहीं छोड़ेगा, वह शेर से छोटा है, कमजोर है और वह बच नहीं पाएगा।
भागते समय अपनी जान जाने का यह डर उसे हर पल पीछे देखने के लिए मजबूर करता है कि अब उसके और शेर के बीच कितनी दूरी बची है और इसी डर की वजह से हिरण की गति पर असर पड़ता है। बस यही वो समय होता है जब शेर उसे दबोच लेता है।
कहने का मतलब ये कि यदि हिरण पकड़े जाने के भय से बार बार पीछे मुड़कर देखने की अपनी आदत पर काबू पा ले तो वह कभी शेर का शिकार नहीं बनेगा।
अगर हिरण अपनी क्षमता के बारे में आश्वस्त हो जाए कि उसकी शक्ति उसकी बिजली की गति में छिपी है, तो ऐसा असर उसकी चाल और गति में नजर आएगा।
जिस तरह शेर की ताकत उसके आकार और ताकत में छिपी है, उसी तरह हिरण की ताकत उसकी गति और चाल में है। यदि हिरण यह बात जान ले तो वह हमेशा के लिए शेर से छुटकारा पा लेगा।
अक्सर हम इंसानों का स्वभाव बन जाता है कि हम हर पल अपने अतीत को देख कर जीते हैं। जो कि एक ऐसी चीज है कि हमें परेशानी के सिवा कुछ नहीं देता, हमारे साहस को कम करता है, हमारे स्वभाव को बदलता है, जिसका असर हमारे दृष्टिकोण पर पड़ता है।
हमारे पीछे कितने भ्रम और भय हैं जो हमें असफलता की ओर ले जाते हैं। हममें से कितने लोगों में आंतरिक कुंठाएं हैं जो हमसे जीने की हिम्मत छीनती हैं, क्योंकि हम सोचते रहते हैं कि कहीं हम वापस उस काल्पनिक परिस्थिति का शिकार न हो जाएं। फिर हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम नहीं हो पाते, और फिर अपनी क्षमताओं पर भरोसा नहीं कर पाते।
लक्ष्य प्राप्ति में भय का सामना कैसे करें? अपने ऊपर भरोसा कैसे जगाएं? इस विधि को जानना होगा, और यह संभव है केवल ध्यान के द्वारा।