क्या भारत का सिस्टम आम जनता को धोखा और नेताओं को विशेषाधिकार देता है?

मित्रों, क्या आप जानते हैं कि आजादी के 75 वर्षों बाद भी हमारे देश का सिस्टम आम जनता को सहूलियत देने की बजाय सिर्फ नेताओं को विशेषाधिकार देता है.
हमारे देश के सिस्टम में आम जनता के लिए जो नियम कानून बनाए गए हैं, नेताओं को उन्हीं नियम कानूनों से पूरी तरह मुक्त रखा गया है.
नीचे की लाइनों को ध्यान से पढ़ेंगे तो आपको भी अपने देश के इस भेदभाव वाले सिस्टम पर गुस्सा आने लगेगा.
    
1- नेता चाहे तो दो सीट से एक साथ चुनाव लड़ सकता है, लेकिन आप दो जगह वोट नहीं डाल सकते.
2-यदि आप जेल में बंद हों तो आपको वोट डालने का अधिकार नहीं है, लेकिन एक नेता जेल में रहकर भी चुनाव लड़ सकता है और जीतकर सांसद, विधायक, मंत्री बन सकता है.
3-आप यदि कभी जेल गये थे, तो आपको जिंदगी भर कोई सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती. लेकिन एक नेता चाहे जितनी बार भी हत्या, बलात्कार या किसी भी मामले में जेल गया हो, फिर भी वो प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति जो चाहे बन सकता है.
4-बैंक में मामूली नौकरी पाने के लिये
आपका ग्रेजुएट होना जरूरी है, लेकिन नेता यदि अंगूठा छाप हो तो भी भारत का फाइनेंस मिनिस्टर बन सकता है.
5-आपको सेना में एक मामूली सिपाही की नौकरी पाने के लिये डिग्री के साथ-साथ 10 किलोमीटर दौड़कर भी दिखाना होता है.

लेकिन नेता यदि अनपढ़-गंवार और लूला-लंगड़ा है तो भी वह आर्मी, नेवी और एयर फोर्स का चीफ यानि डिफेन्स मिनिस्टर तक बन सकता है.
जिसके पूरे खानदान में आज तक कोई स्कूल नहीं गया, वो नेता देश का शिक्षामंत्री भी बन सकता है.
जिस नेता पर हजारों केस चल रहे हों, वो नेता पुलिस डिपार्टमेंट का चीफ यानि कि गृह मंत्री तक बन सकता है.
यदि आपको भी लगता है कि इस सड़े गले भेदभाव पूर्ण सिस्टम को अब बदल देना चाहिये. नेता और जनता, दोनों के लिये एक समान नियम कानून होना चाहिये, तो इसे अधिक से अधिक शेयर करके देश भर में जागरुकता फैलाने में सहयोग करें.
याद रखें कि जनता यदि वोट देकर सरकार बना सकती है, तो विरोध करके किसी भेदभावपूर्ण सिस्टम को बदलवा भी सकती है. 
👉हमारी हर पोस्ट की अपडेट तुरंत पाने के लिए हमारे व्हाट्सएप चैनल को जरूर Follow करें-

Leave a Comment

error: Content is protected !!