हाथरस वाली घटना उत्तर प्रदेश में घटी 80 के दशक की नारायणपुर कांड की पूरी तरह से नकल है फर्क यह है कि तब दादी नौटंकी कर रही थी और आज दादी जैसी नाक वाली पोती और मेंटल पोता नौटंकी कर रहा है
आज जो कांग्रेसी कुत्ते और कांग्रेसी चमचे लोकतंत्र की दुहाई देते हैं आप यह जानकर चौक जाएंगे 1980 में उत्तर प्रदेश में जनता पार्टी की सरकार थी और बाबू बनारसी दास मुख्यमंत्री थे लेकिन उनकी सरकार को सिर्फ इसलिए बर्खास्त कर दिया था क्योंकि कुशीनगर जिले के कप्तानगंज के पास नारायणपुर कस्बे में एक ट्रैक्टर ट्राली से एक व्यक्ति का निधन हो गया था और इतिहास में या घटना नारायणपुर कांड के नाम से जानी जाती है
लेकिन इस घटना का एक दूसरा पहलू भी है जो बड़ा जोरदार है।
आजकल आप प्रियंका गांधी को जगह-जगह बीजेपी शासित राज्यो में पीड़ितों या दंगाइयों के घर जाकर घायल दंगाइयों के सर पर हाथ फिराते देखते होंगे।
ठीक ऐसे ही धूर्त इंदिरा गांधी भी थी क्योंकि उस समय इंदिरा गांधी सत्ता से बाहर हो चुकी थी तो उन्हें जैसे ही पता चला कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के दूरदराज इलाके में एक दलित महिला की ट्रैक्टर से कुचल कर मौत हो गई है और उसकी बेटी अनाथ हो गई है तब वह तुरंत भागकर नारायणपुर गई और उस लड़की जिसका नाम सोनकलिया था उसे गोद में लिया और मीडिया के सामने ऐलान किया मैं इस बेटी को गोद लेती हूं आज से यह मेरी बेटी है इसकी पढ़ाई लिखाई की जिम्मेदारी मेरी है।
इंदिरा गांधी का शाह पाकर गांव वाले उत्तर प्रदेश की जनता पार्टी सरकार के खिलाफ बगावत पर उतर आए और जगह-जगह चक्का जाम कर दिया दंगा कर दिया पीएसी को गोली चलानी पड़ी और जनता पार्टी की सरकार यानी बाबू बनारसी दास बर्खास्त हो गई।
इतना ही नहीं इंदिरा गांधी उस सोनकलिया को अपने साथ जहाज में लेकर दिल्ली आई। दिल्ली में उन्होंने मीडिया के सामने सोनकलियां को गोद में लेकर दुलारा पुचकारा और ऐलान किया कि यह मेरी गोद ली हुई बेटी है और अब यह इसकी पूरी जिम्मेदारी मेरी है मैं इसे विदेश में पढ़ाऊंगी.. फलाना ढिकाना करूंगी।
उसी दिन शाम को एक व्यक्ति सोनकलिया को जहाज में बिठाकर गोरखपुर आया फिर सड़क मार्ग से वापस उसके गांव में छोड़कर चला गया।
क्योंकि उस वक्त पूरी मीडिया इंदिरा गांधी के कंट्रोल में थी और समय उत्तर प्रदेश का सबसे प्रमुख अखबार “आज” होता था जो कांग्रेस के नेता कमलापति त्रिपाठी का था इसलिए मीडिया वालों ने इस घटना पर चुप्पी साध ली कि इंदिरा गांधी जिसे कुछ घंटे पहले अपनी बेटी बता रही थी उस अबोध बालिका को दर बदर भटकने के लिए वापस उसके गांव में छोड़ दिया
आज इंदिरा इंदिरा गांधी की गोद ली हुई बेटी सोनकलिया भीख मांग कर गुजारा करती है।
नीचे मैं आपको कई प्रतिष्ठित मीडिया के लिंक दे रहा हूं जिसमें इंदिरा गांधी की उस गोद ली हुई बेटी की बदहाली लिखी हुई है। वह एक झोपड़ी में रहती है और भीख मांग कर गुजारा करती है।
इसीलिए मैं बोलता हूं कि यह धूर्त खानदान बहुत बड़ा नौटंकीबाज है..सत्ता के लिए यह दोगले कुछ भी कर सकते हैं यहां तक कि आप के तलवे भी चाटने लगेंगे
इस धूर्त खानदान ने आज तक नौटंकी करने के अलावा कुछ नहीं किया है यह दोगले हमेशा ग्लिसरीन लेकर घूमते हैं और जहां जरूरत पड़ती है आंखों में ग्लिसरीन लगाकर धूर्त भेड़ियों की तरह रोने लगते हैं क्योंकि इन्होंने भारत की जनता की कमजोरी जान ली है कि भारत की जनता बहुत भावुक होती है वह भावनाओं में बह जाती है.
नीचे दिए गए लिंक पर जाकर पढ़ें इंदिरा गांधी की गोद ली गयी बेटी सोनकलिया के बारे में विस्तार से….
-जितेंद्र प्रताप सिंह के फेसबुक वॉल से साभार