जानिये, कैसा होगा अयोध्या में बनने वाला श्रीराम मंदिर

दुनिया भर के श्रीरामभक्त अपने आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्मस्थली पावन नगरी अयोध्या में जिस मंदिर के निर्माण के लिए इतने वर्षो से इंतजार कर रहे थे उसके निर्माण का शुभारम्भ आगामी 5 अगस्त से होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 5 अगस्त को अयोध्या में भूमि पूजन के बाद श्रीराम मंदिर की आधारशिला रखेंगे।
बता दें कि वर्ष 1991 में रामलला जन्मोत्सव में नरेंद्र मोदी अयोध्या गये थे। तब मोदी जी से पूछा गया था कि दोबारा कब आयेंगे तो उनका जवाब था – ”जब मंदिर बनेगा तब”
उसके बाद अब पीएम मोदी श्रीराम मंदिर के भूमिपूजन के लिये आगामी 5 अगस्त को अयोध्या जा रहे हैं।
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आप सब जानते हैं कि पिछले वर्ष 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ कर दिया था।
आइए जानते हैं कि अयोध्या में बनने जा रहे भव्य श्रीराम मंदिर का स्वरूप कैसा होगा…
अभी मंदिर का जो मॉडल है, वो 67 एकड़ के क्षेत्र का है। लेकिन, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इस बात की योजना बना रहा है, कि मंदिर का क्षेत्र 108 एकड़ तक हो। अगर ऐसा होता है, तो क्षेत्रफल के लिहाज से ये मंदिर दुनिया में चौथा सबसे बड़ा मंदिर हो जाएगा। 
दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर कंबोडिया का अंगकोरवाट है। इसका क्षेत्रफल 402 एकड़ है। भारत का सबसे बड़ा मंदिर तमिलनाडु का श्रीरंगनाथ स्वामी मंदिर है। जो करीब 156 एकड़ के क्षेत्र में है। अगर, मंदिर वर्तमान प्रस्तावित 67 एकड़ भूमि पर ही बनता है तो भी ये दुनिया का 5वां सबसे बड़ा मंदिर होगा। 

श्रीराम मंदिर का निर्माण वर्ष 1989 में विश्व हिंदू परिषद द्वारा प्रस्तावित मॉडल के अनुरूप ही होगा। हालांकि अयोध्या में 18 जुलाई को हुई श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राम मंदिर को और अधिक भव्यता देने के लिए इसके मुख्य शिखर की ऊंचाई को बीएचपी मॉडल में प्रस्तावित 128 फीट से बढ़ाकर 161 फीट किया जाएगा। श्रीराम मंदिर में मुख्य शिखर के अलावा कुल 5 शिखर होंगे। राम मंदिर का निर्माण 67 एकड़ वाले राम जन्मभूमि परिसर में होगा लेकिन मुख्य मंदिर सिर्फ दो एकड़ में ही बनेगा। बाकी 65 एकड़ जमीन पर राम मंदिर परिसर का विस्तार होगा।
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श्रीराम मंदिर को पूर्ण रूप से बनकर तैयार होने में साढे 3 साल का समय लगेगा हालांकि यह एक अनुमान है। इससे ज्यादा समय भी लग सकता है। श्रीराम मंदिर परिसर का निर्माण कार्य पूरा होने में ज्यादा समय लगेगा। अनुमान है कि यह मंदिर हजारों साल तक अपनी भव्यता का अहसास कराएगा। 
श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या के कारसेवकपुरम में स्थित बीएचपी कार्यशाला में तराशे गए पत्थरों का इस्तेमाल होगा। इसके अलावा और भी पत्थरों की जरूरत होगी जो राजस्थान से मंगाए जाएंगे।
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श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या के भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी देश की दिग्गज कंस्ट्रक्शन कंपनी L&T (Larsen & Toubro) को सौंपी गई है। राम मंदिर मजबूत बने इसके लिए जमीन के नीचे 200 फीट तक की मिट्टी का परीक्षण किया गया है। श्रीराम मंदिर की नींव कितनी अधिक गहरी होगी यह कंस्ट्रक्शन कंपनी L&T ही तय करेगी।


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