कोरोना टेस्ट के बारे में तमाम अफवाहें फैल रही है। नेगेटिव-पॉजिटिव के बारे में लोगों का कहना है कि जो टेस्ट किट है उसके रिजल्ट्स कोई एक्यूरेट नहीं है। कुछ लोग नेगेटिव होते हुए उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है या जो लोग कोरोना संक्रमित भी है उनकी रिपोर्ट भी नेगेटिव आ जा रही है। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि वह सही तरीका क्या है जिससे आप कोरोना टेस्ट कराएं तो आप का रिजल्ट 100% सही आये।
यह देखा गया है कि कई बार कोरोना जांच कराने के बाद रिपोर्ट नेगेटिव आ जाती है लेकिन कुछ ही दिनों बाद अचानक कोरोना के लक्षण प्रकट हो जाते हैं इससे घबराकर लोग फिर जांच कराने पहुंच जाते हैं ऐसे में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाती है अब उनको समझ नहीं आता कि यह आखिर मामला क्या है। एक बार रिपोर्ट नेगेटिव और फिर पॉजिटिव हो जाता है। लोग इसके पीछे की वजह नहीं समझ पाते।
क्यों आती है गलत रिपोर्ट?
डॉक्टर्स का कहना है कि किसी भी कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आने के बाद लक्षण प्रकट होने और वायरल लोड बढ़ने का भी एक टाइम पीरियड होता है। इसका इंतजार करना बहुत जरूरी होता है। ऐसे मामलों में देखा जा रहा है कि अधिकतर लोगों को सही ढंग से कोरोना टेस्ट कराने का तरीका ही नहीं पता है। ऐसा नहीं है कि लक्षण प्रकट नहीं होने पर व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव नहीं हो सकता है।
इसे भी पढ़ें- होम क्वारंटाइन में बरतें ये सावधानियां
कई बार कांटेक्ट में आने के 5 से 6 दिन तक कोई भी लक्षण नहीं आते हैं और लोग खुद को पूरी तरह स्वस्थ समझने की भूल कर बैठते हैं। ऐसे मामले में लोग ए-सिंप्टोमेटिक होते हैं। वायरल लोड कम होता है और बॉडी इम्युनिटी कोरोना वायरस से फाइट करने में सक्षम होती है। ऐसे में व्यक्ति खुद तो स्वस्थ दिखता है लेकिन दूसरे को संक्रमित कर सकता है। लक्षण नहीं आने पर भी एक बार टेस्ट जरूर कराना चाहिए।
क्यों आती है रिपोर्ट नेगेटिव?
बड़ी संख्या में ऐसे मामले सामने आए हैं जब जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बावजूद लोगों में कोरोना के लक्षण पाए गए हैं ऐसे में उनकी दोबारा जांच करानी पड़ती है ऐसा इसलिए होता है कि कांटेक्ट में आने का पता चलने के तुरंत बाद लोग जांच कराने पहुंच जाते हैं तब तक उनके शरीर में वायरल लोड नहीं बढ़ पाता ऐसे में जांच रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है इसके ठीक 2 से 3 दिन बाद फिर वायरल लोड बढ़ने पर लक्षण आने लगते हैं तब रिपोर्ट पॉजिटिव आती है।
इसे भी पढ़ें- क्या आपका सेनिटाइजर असली है?
सही रिपोर्ट हेतु कब कराएं कोरोना टेस्ट?
डॉक्टर्स का कहना है कि किसी भी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण आने वायरस का लोड बढ़ने में 5 से 6 दिन का समय लगता है इसलिए कांटेक्ट में आने के बाद 5 से 6 दिन के बाद जरूर कोरोना टेस्ट कराना चाहिए अगर इस कंडीशन में रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो मान लेना चाहिए कि व्यक्ति पर कोरोना इनफेक्शन का कोई असर नहीं हुआ है। अगर एक बार रिपोर्ट नेगेटिव आई और उसके बाद फिर लक्षण प्रकट हुए तो यह अधिक घातक सिद्ध हो सकता है। इसकी वजह लोग इन लक्षणों को नार्मल इंफेक्शन समझ लेते हैं और बाद में कॉम्प्लिकेशन बढ़ जाती है। ऐसे में मरीज को स्वस्थ करने में डॉक्टर को भी अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
वायरल लोड पर ही जांच का रिजल्ट निर्भर करता है। इसलिए अगर कांटेक्ट होने के तत्काल बाद जांच कराएंगे तो रिपोर्ट नेगेटिव ही आएगी। इसलिए 5-6 दिन बाद ही लोगों को अपना कोरोना टेस्ट कराना चाहिए।
इसे भी पढ़ें- कोरोना से मौत की ये है असली वजह
क्या है वायरल लोड?
संक्रमित व्यक्ति के अंदर कोरोनावायरस की मौजूदगी की स्थिति को वायरल लोड कहते हैं।
कब होता है अधिक वायरल लोड?
जब कोरोना पॉजिटिव से बिना मास्क लगाए बहुत अधिक क्लोज कांटेक्ट किया गया हो।
कम वायरल लोड की स्थिति
कांटेक्ट पीरियड कम समय का हो और दोनों ने मास्क लगाया हो या किसी एक ने भी लगाया हो।
इसे भी पढ़ें- कोरोना से बचने के लिए करें ये उपाय
कोरोना संक्रमण से बचने के तरीके क्या है?
कम से कम 1 मीटर की दूरी बनाए रखें
मास्क का यूज़ करें
किसी भी वस्तु या व्यक्ति को छूने से बचें
अन्य व्यक्ति के किसी सामान को भी टच मत करें
खांसने-छींकने वाले व्यक्ति से अधिक दूरी बनाकर रखें
स्वस्थ दिखने वाले व्यक्ति से भी मास्क लगाकर दूरी बनाकर रहे
यदि आपको यह जानकारी सही लगी हो तो इसे शेयर अवश्य करें। क्योंकि कोरोना केे प्रति जितने अधिक से अधिक लोग जागरूक होंगे हम सब इस जनलेवा महामारी से उतना ही अधिक खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकेंगे।
Copyright © 2020 Sanjay Rajput. All Rights Reserved.