शादी विवाह में अश्लील गाने क्यों?

एक शादी में जाना हुआ तो देखा कि वहां डीजे वाला ‘हमहूं ओवरलोड बानी…’ गाना बजा रहा था और नशे में धुत बारात में आए हुए लुहेड़े टाइप के लड़के वहां मौजूद तमाम महिलाओं पर भद्दे कमेंट करते हुए उन्हें छेड़ रहे थे। मुझे लगा कि ऐसे फंक्शन में यदि अश्लील गानों को बजने से रोक दिया जाए तो इस तरह की घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकता है, क्योंकि ऐसे गाने छेड़खानी को प्रोत्साहित करते हैं।
दोस्तों, जैसा कि देखने में आया है कि हर तरफ अश्लील और फूहड़ भोजपुरी गानो की भरमार है। शादी ब्याह जैसे फंक्शन में यूपी बिहार में अधिकतर अश्लील और फूहड़ भोजपुरी गाने ही तेज आवाज में बजते हैं। लेकिन क्या ऐसा नहीं होना चाहिए कि जिस प्रकार हम शादी विवाह के फंक्शन में खाने का मीनू डिसाइड करते हैं कि खाने में क्या क्या बनेगा वैसे ही क्या हम ये डिसाइड नहीं कर सकते कि कैसे गाने बजाने हैं और क्या गाने नहीं बजाने हैं। 
कितना अच्छा होता यदि जिस तरह खाने का आइटम डिसाइड किया जाता है कि हमारे यहां शादी विवाह जैसे फंक्शन में क्या-क्या खाने की चीजें बनेगी और क्या-क्या आइटम रखा जाएगा उसी तरह से हम यह भी डिसाइड करते और डीजे वालों को और गाने बजाने वाले, आर्केस्ट्रा वालों को यह पहले ही निर्देश देकर रखते की कैसे गाने बजाने है या उन्हें साफ मना करके रखते कि किसी भी तरह के अश्लील गाने नहीं बजाने हैं। 
क्योंकि अक्सर देखने में आया है कि शादी विवाह के फंक्शन में महिलाओं की संख्या काफी अधिक होती है और ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जब अश्लील गाने तेज आवाज में बजते हैं तो वहां मौजूद महिलाएं कितना असहज महसूस करती होंगी। 
जैसे मान लीजिए कि गाना बज रहा है ‘चोली के पीछे क्या है’ और वहां कोई युवती घाघरा चोली पहने दिखाई देती है, तो वहां मौजूद लुहेड़े उस युवती पर जरूर कुछ भद्दे कमेंट करेंगे। क्योंकि वहां बज रहा संगीत उन्हें ऐसा करने को प्रोत्साहित कर रहा है।
जरा सोचिए कि आप अपने फंक्शन में खाने का मीनू डिसाइड कर सकते हैं तो क्या आप ये नहीं डिसाइड कर सकते की क्या गाने बजने चाहिए और क्या नहीं बजना चाहिए। ऐसा बिल्कुल संभव हो सकता है, क्योंकि आपने साउंड वाले को या डीजे वाले को पैसा देकर बुलाया है और वो अपनी मर्जी से कुछ भी बजाये यह कोई जरूरी नहीं है। वो आप डिसाइड कर सकते हैं और उसको ऐसे निर्देश दे सकते हैं कि वहां पर अश्लील गाने किसी भी हालत में नहीं बजने चाहिए। 
यदि कोशिश की जाए तो इसे पूरी तरह रोका जा सकता है कि किसी भी तरह के अश्लील गाने न बजे जिससे महिलाएं असहज महसूस करें और माहौल खराब हो और वहां मौजूद शोहदों को कुछ कमेंट करने का मौका मिले और किसी अप्रिय घटना का कारण बने। 
यह एक बहुत ही अच्छी पहल होगी और यदि हम सब चाहें तो ऐसा बिल्कुल किया जा सकता है। और ऐसा करने से एक फायदा ये होगा कि जो ऐसे अश्लील गाने बनाने वाले लोग हैं वे भी हतोत्साहित होंगे और उनका बहिष्कार होगा तो धीरे-धीरे ऐसे गाने बनने भी बंद हो जाएंगे। क्योंकि ऐसे गाने और फिल्में कोई नहीं बनाता जिसे कोई पसंद ही न करे। 
तो क्यों ना हम सब इसकी शुरुआत अपने किसी फंक्शन से करके देखें। यदि ऐसा होने लगा तो धीरे धीरे डीजे वाले और ऑर्केस्ट्रा वाले स्वयं इस तरह के गाने बजाने बंद कर देंगे जिससे शादी विवाह का माहौल साफ सुथरा और महिलाओं के लिए अधिक सुरक्षित बन सकेगा।
मेरे इन विचारों से आप कितना सहमत हैं या इस मामले में आपके क्या विचार हैं, कमेंट करके मुझे जरूर बताएं। यदि मेरा यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे Share जरूर करें।
©SanjayRajput.com

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