Pagglait movie review in hindi
पगलैट (Pagglait) के रूप में बहुत दिनों बाद एक शानदार, जानदार, इमोशनल, हार्ट टचिंग और रीयलिस्टिक फ़िल्म देखने को मिली. राइटर और डायरेक्टर उमेश बिष्ट (Umesh Bist) की फ़िल्म Pagglait एक अलग ही टाइप की स्टोरी है, जो आपको अंत तक बड़ी मजबूती से बांध के रखती है। Pagglait movie review in hindi
Pagglait बदलते समाज का आईना दिखाती हुई एक उम्दा फ़िल्म है। और सबसे बड़ी बात बिना किसी अश्लील सीन, बिना अश्लील डायलॉग के बिल्कुल साफ सुथरी फ़िल्म। 100% पूरे परिवार और बच्चों सहित देखे जाने लायक फ़िल्म।Pagglait movie review in hindi
इस फ़िल्म में एक नार्थ इंडियन ट्रेडिशनल हिन्दू फैमिली के पुराने रीति रिवाज भी बखूबी दिखाये गए हैं और बदलते हुए परिवेश और यंग जनरेशन पर कटाक्ष और व्यंग भी है। साथ ही जनरेशन गैप को भी बखूबी दिखाया गया है। Pagglait movie review in hindi
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एक सीन है जिसमें मुखाग्नि दिया हुआ सिगरेट की तलब वाला चचेरा भाई जिसे 13 दिन सब वर्जित है लेकिन वो अपनी सिगरेट की तलब को रोक नहीं पाता और चुपके से छत पर जाकर रात को सिगरेट फूंक रहा है वहीं दूसरे कोने में उसका बाप (रघुबीर यादव) चोरी छुपे शराब पी रहा है। अचानक दोनों का सामना हो जाता है तो बाप हाथ में पैग लिए हुए बेटे को ये कहते हुए डांटता है कि उसे 13 दिन सब वर्जित है, वो ये ठीक नहीं कर रहा है। इस पर बेटा कहता है कि ‘ठीक तो आप भी नहीं कर रहे हो।’ Pagglait movie review in hindi
एकदम सधा हुआ डायरेक्शन…एक पल को भी कहीं ढीली नहीं पड़ती स्टोरी…नए और अनजान से आर्टिस्ट्स से भी कमाल की एक्टिंग करा लिया है डायरेक्टर ने. फ़िल्म में आपको कोई भी कलाकार ओवर एक्टिंग करता बिल्कुल भी नहीं नजर आएगा। हर कलाकार ने 100% नेचुरल और सधी हुई एक्टिंग की है। Pagglait movie review in hindi
फ़िल्म की हीरोइन सान्या मल्होत्रा (Sanya Malhotra) जिन्हें आप ‘दंगल’ (Dangal) फ़िल्म में बबिता कुमारी (Babita Kumari) के रोल में देख चुके हैं। ‘बधाई हो’ (Badhai Ho) फ़िल्म में भी वो काम कर चुकी हैं। उन्होंने एक सीरियस टाइप के रोल में जबरदस्त स्कोप दिखाया है। इस फिल्म में उन्होंने एक ऐसी नौजवान विधवा का किरदार निभाया है जिसकी अभी सिर्फ 5 महीने पहले ही शादी हुई थी और वो अभी ठीक से कुछ समझ भी नहीं पाई, न ही उस माहौल में मिक्स हो पाई थी तभी वो विधवा हो गयी। Pagglait movie review in hindi
वो कुछ समझ नहीं पा रही कैसे रियेक्ट करे, कैसे दुख प्रगट करे…कैसे अपनी इच्छाओं को दबाकर रहे। उसे कोल्ड ड्रिंक पीने, चिप्स और गोलगप्पे खाने की इच्छा है। इस कशमकश को बेहतरीन तरीके से अपनी लाजवाब एक्टिंग से सान्या ने बखूबी निभाया है। उनकी सिम्पली नेचुरल एक्टिंग ने तो इस फ़िल्म को यादगार बनाकर रख दिया है।
Pagglait फ़िल्म के दूसरे अहम किरदार की बात करें तो इस फ़िल्म की जान हैं आशुतोष राणा (Ashutosh Rana), जिन्होंने अपने हिस्से आये लगभग न के बराबर डायलॉग के बावजूद अपनी एक्टिंग से रुला के रख दिया है। अपने नौजवान बेटे की असमय मृत्यु का गम और उसके अंतिम संस्कार से 13 वीं तक की रश्मों और जिम्मेदारियों का बोझ उठाते एक पिता की बेबसी और दुख को शायद इससे अच्छे तरीके से कोई और नहीं प्रस्तुत कर सकता। उनकी आंखों में दिखता गम और बेबसी आपकी आंखों में भी आंसू ला देगा। Pagglait movie review in hindi
फ़िल्म हकीकत के इतने करीब है कि लगता है मानो कोई आस पड़ोस की ही घटना हो। घर में किसी की मृत्यु का शोक और फॉर्मेलिटी करते रिश्तेदार और पड़ोसी। सादे भोजन और परहेज से ऊबते संबंधी और फैमिली मेंबर्स, पुराने रीति रिवाजों और संस्कारों को बोझ समझती और उनसे ऊबती हुई युवा पीढ़ी…ये सब आज के हमारे समाज की एक कड़वी सच्चाई है जिसे बखूबी पर्दे पर उतार दिया गया है Pagglait फ़िल्म में। Pagglait movie review in hindi
Pagglait फ़िल्म एक ऐसे मोड़ पर जाकर अचानक खत्म हो जाती है जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। मेरा दावा है कि आपने इस फ़िल्म का जो भी अंत सोचा होगा वो गलत ही साबित होगा। फ़िल्म का अंत कुछ यूं अचानक हो जाता है कि आप अभी आगे की कहानी का इतंजार ही करते रह जाते हैं। फ़िल्म खत्म होने के बाद भी आगे की कहानी जानने की उत्सुकता जगाए रखती है ये फ़िल्म। हो सकता है शायद पार्ट-2 बनाने की प्लानिंग भी की गई हो। यदि ऐसा होता है तो इस बात की सबसे ज्यादा खुशी मुझे होगी। Pagglait movie review in hindi
Pagglait फ़िल्म में नये जमाने के ट्रेंड विधवा विवाह को पीछे छोड़कर एक अलग ही मैसेज देने की कोशिश की गई है, जिसमें परिवार के इकलौते कमाऊ बेटे की असमय मृत्यु के बाद पढ़ी लिखी बहू भी नौकरी करके परिवार का सहारा बन सकती है और परिवार का आर्थिक बोझ उठा सकती है। Pagglait movie review in hindi
Pagglait फ़िल्म में म्यूजिक का कोई स्कोप नहीं है क्योंकि यह फ़िल्म टिपिकल मुम्बईया फिल्मों से बिल्कुल हटकर है। Pagglait movie review in hindi
अंत में मैं यही कहना चाहूँगा की जो लोग Bollywood की अश्लील, फूहड़ और वाहियात फिल्मों का boycott कर चुके हैं, वे एक बार Pagglait फ़िल्म जरूर देखें। यह फ़िल्म Bollywood के प्रति फिर से एक आशा की किरण जगाती है। इस फ़िल्म को देखकर आपको ये महसूस होता है कि आज भी Bollywood में कुछ ऐसे टैलेंटेड निर्माता-निर्देशक मौजूद हैं जो आज भी बिना अश्लीलता और सेक्स सीन के एक अच्छी फिल्म बना सकते हैं। Pagglait movie review in hindi
यह फ़िल्म Netflix पर उपलब्ध है, तो यदि आपके पास Netflix का Subscription नहीं है तो कोई बात नहीं, आप Google में Thop TV App सर्च करें और डाउनलोड करके Free में इस फ़िल्म को देखें। ध्यान दें की यह App आपको Play Store पर नहीं मिलेगा। इसे Google में सर्च करके download करना पड़ेगा।
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