क्या भारतीयों को अंग्रेजी में मूर्ख बनाया जा रहा है?

आजकल बड़े बड़े रेस्तराँ में पकवानों के नाम ‘अंग्रेज़ी’ में रखकर यह साबित किया जाता है कि जब तक हम जैसे समझदार बेवकूफ रहेंगे ये होशियार कभी भूखे नहीं मरेंगे.
आगे जानिए कुछ देशी डिश के अंग्रेजी नाम-
रोसेटो अल्जफर्नो 
ये डिश है भात और लाल साग मिला हुआ और इसका दाम है 375 रूपये.
लाल साग मे सोना धातु पाया जाता है. यह हमारे शरीर को निरोग रखता है. इसे खाने से त्वचा से समन्धित विकार दूर होते हैं. इसमें फाइबर और विटामिन काफी मात्रा मे पाए जाते हैं. यह पेट के लिए बहुत फायदेमंद है. इसके सेवन से कब्ज भी दूर होती है. मधुमेह मे भी लाभदायक है और शरीर में खून की कमी को पूरा करता है.
नाचोस विथ सालसा
यह है नमकीन खस्ता, कच्चे टमाटर की चटनी के साथ और इसका दाम है 195 रूपये.
अब खस्ता और टमाटर की चटनी बोलने से कोई 195 रूपये तो देने वाला नहीं है. “कच्चे टमाटर की चटनी के साथ खस्ता खा रहे हैं” ऐसा बोलने में शर्म भी आती है.
वैसे टमाटर का सेवन हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है. इसके सेवन से ब्लड प्रेशर नॉर्मल होता है.
सिनोमिना सुफले
यह और कुछ नहीं सूजी का हलवा है और इसका दाम है 175 रुपए. आपको तो पता ही होगा कि सूजी कितने रुपए किलो है.
राइस सूप विथ लेमन ग्रास
ये और कुछ नहीं, ये है चावल का मांड़ जिसे अंग्रेजी में ‘राइस सूप विथ लेमन ग्रास’ बोलकर बड़े होटल/रेस्टोरेंट वाले 150 रुपए में परोस देते हैं.
और हमारे देश के ये कूल ड्यूड बड़े इतरा कर बोलते हैं-
“I am having rice soup with NACHOS WITH SALSA….LOL!!!”
अब ये कोई थोड़ी न बोलेगा क़ि माँड़ पी रहें हैं खस्ता के साथ. वरना सोशल मीडिया पर सॉलिड बेइज्जती नहीं हो जायेगी?
चावल की माँड पीने से और उससे बालों को धोने से बाल धीरे धीरे लम्बे और काले होने लगते हैं।
इंडिलाचा
सब्जी से भरे हुए पराठा को कहते हैं इंडिलाचा और इसका दाम है 200 रूपये. अब बताइए 20 रुपए की चीज के 200 रुपए सिर्फ डिश का नाम अंग्रेजी में कर देने से?
सब्जी से भरे हुए पराठा मे कार्बोहाइड्रेट होता है जिससे शरीर को एनर्जी मिलती है.
Gram juice with pepper
ये और कुछ नहीं सतुआ ही है लेकिन सतुआ बोलोगे तो लोग आपको गंवार बोल बड़ी हीन दृष्टि से देखेंगे लेकिन “Gram juice with pepper” बोल देने से स्टैंडर्ड बढ़ जायेगा.
यह गर्मियों का सबसे बढ़िया पेय है. लू से भी बचाव करता है और शरीर को ताकत भी देता है.
स्वीट कॉर्न
कुकर में उबले हुए 5 रुपए के भुट्टे को 50 रुपए में ‘स्वीट कॉर्न’ बोलकर बेच देते हैं और लोग भी शान से खाते हैं.
मक्का मे बीटा-कैरोटीन पाया जाता है, अतः यह विटामिन-A के उत्पादन मे सहायता करता है. मक्की के सेवन से आंखों की रोशनी बढ़ती है, साथ ही बढ़ती उम्र मे होने वाले द्रष्टि दोष की संभावना भी कम होती है. भुट्टा के बालों का सूप किडनी की सफाई करता है.
तो देखा आपने कि कैसे हम भारतीयों को अंग्रेजी में बेवकूफ बनाया जाता है और हम इस अंग्रेजियत के नाम पर मूर्ख बनने में अपनी शान समझते हैं.
हमारे देश के अंग्रेज़ियत के आधुनिक गुलामों को हमारा प्रणाम है!! 
हम तो अंग्रेजियत के नाम पर इस तरह मूर्ख बनने और झूठी शान दिखाने से अच्छा सतुआ-माड़ ही पीएंगे, आलू पराठा, भुट्टा ही खायेंगे, Sauce की जगह चटनी ही खायेंगे. 10 रुपए की चीज 10 में ही खरीदेंगे 100 रुपए में नहीं.
जय हो!!

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