रोगों से दूर रहने हेतु सर्दियों में करें ये उपाय

दोस्तों, सर्दियों में अपनी दिनचर्या और खानपान में बदलाव लाकर हम बीमारियों से दूर रहते हुए अच्छे स्वास्थ्य को प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए आज हम आप सबको सर्दियों के सीजन की विशेष दिनचर्या और खानपान के बारे में बताने जा रहे हैं जो पूरी तरह आयुर्वेद पर आधारित है तथा इन उपायों को करके आप सर्दियों में चुस्त दुरुस्त, स्वस्थ और फिट तो रहेंगे ही तमाम बीमारियों के प्रकोप से भी बचेंगे। तो आइए जानते हैं कि सर्दियों में क्या करना चाहिए और किन चीजों से परहेज करना चाहिये।
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सर्दियों में खारे, खट्टे मीठे पदार्थ खाने-पीने चाहिए । इस ऋतु में शरीर को बलवान बनाने के लिए पौष्टिक, शक्तिवर्धक और गुणकारी व्यंजनों का सेवन करना चाहिए।
इस ऋतु में घी, तेल, गेहूँ, उड़द, गन्ना, दूध, सोंठ, 
पीपर, आँवले आदि से बने स्वादिष्ट एवं पौष्टिक व्यंजनों का सेवन करना चाहिए। इस सीजन में जठराग्नि के अनुसार आहार न लेने पर हवा के इन्फेक्शन से होने वाले रोगों के होने की संभावना अधिक रहती है। 
जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी न हो उन्हें रात्रि को भिगोये हुए देशी चने सुबह में नाश्ते के रूप में खूब चबा-चबाकर खाना चाहिए। जो शारीरिक परिश्रम अधिक करते हैं उन्हें केले, आँवले, मुरब्बा, तिल, गुड़, नारियल, खजूर आदि का सेवन करना बहुत लाभदायक है ।
एक बात विशेष ध्यान में रखने जैसी है कि इस ऋतु में रातें लंबी और ठंडी होती हैं। अतः केवल इसी सीजन में आयुर्वेद के ग्रंथों में सुबह नाश्ता करने के लिए कहा गया है।
अधिक अंग्रेजी (Allopathic) दवाओं के सेवन से जिनका शरीर कमजोर हो गया हो उनके लिए भी विभिन्न औषधि प्रयोग जैसे कि शिलाजित रसायन, त्रिफला रसायन, चित्रक रसायन, लहसुन के प्रयोग वैद्य से पूछ कर किये जा सकते हैं ।
जिन्हें कब्ज की समस्या रहती हो उन्हें सुबह खाली पेट हरड़े एवं गुड़ अथवा यष्टिमधु एवं त्रिफला का सेवन करना चाहिए । यदि शरीर में पित्त हो तो पहले कटुकी चूर्ण एवं मिश्री लेकर उसे निकाल दें । सुदर्शन चूर्ण अथवा गोली भी कुछ दिन खायें ।
सर्दियों में कैसी हो दिनचर्या?
ध्यान रखें की आहार के साथ रहन-सहन में भी सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। आयुर्वेद के अनुसार सर्दियों में शरीर को बलवान बनाने के लिए तेल की मालिश करनी चाहिए। चने के आटे और आँवले के उबटन का प्रयोग सर्दियों में बहुत लाभकारी है। सर्दियों में कसरत करना, दौड़ना, प्राणायाम और योगासन जरूर करना चाहिए। सूर्य नमस्कार, सूर्यस्नान एवं धूप का सेवन भी सर्दियों में लाभदायक होता है।
सर्दियों में सामान्य गर्म पानी से स्नान करें किन्तु सिर पर गर्म पानी न डालें। कितनी भी ठंड क्यों न हो सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लेना चाहिए । रात्रि में सोने से हमारे शरीर में जो गर्मी उत्पन्न होती है वह स्नान करने से बाहर निकल जाती है जिससे शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है ।
सुबह देर तक सोने से यह नुकसान है कि शरीर की बढ़ी हुई गर्मी सिर, आँखों,पेट, पित्ताशय, मूत्राशय, मलाशय, शुक्राशय आदि अंगों पर अपना खराब असर करती है जिससे अलग-अलग प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं । इसलिए सुबह जल्दी उठकर नहाने से इन अंगों को स्वस्थ रखा जा सकता है।
गर्म-ऊनी वस्त्र पर्याप्त मात्रा में पहनना, अत्यधिक ठंड से बचने हेतु रात्रि को गर्म कंबल ओढ़ना, रजाई आदि का उपयोग करना, गर्म कमरे में सोना लाभदायक है।
सर्दियों में क्या न करें?
सर्दियों में अत्यधिक ठंड सहना, ठंडा पानी, ठंडी हवा, भूख सहना, उपवास करना,कड़वे, कसैले, ठंडे एवं बासी पदार्थों का सेवन, दिन में सोना तथा मन को काम, क्रोध, ईर्ष्या, द्वेष से व्याकुल रखना आयुर्वेद के अनुसार हानिकारक माना गया है ।
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