मित्रों, The Kashmir Files, The Kerala Story के बाद अब बारी है The Bengal Story नाम की फिल्म बनाने की। क्योंकि बंगाल में भी ऐसा बहुत कुछ देश विरोधी घटित हुआ है और हो रहा है जिसे हर व्यक्ति को जानना बहुत जरूरी है।
सभी जानते हैं की बंगाल में कैसे वोटों की खातिर लाखों बांग्लादेशी घुसपैठिए रोहिंग्या मुसलमानो को अवैध तरीके से भारतीय नागरिक बनवा दिया गया है, जो की देश की एकता और अखंडता के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है।
आज बंगाल में हर हिंदू खुद को डरा हुआ और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। कब किस की हत्या हो जाए कोई भरोसा नहीं। यदि बंगाल में ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब हिंदू वहां पूजा पाठ तक नहीं कर पाएंगे। अभी हाल ही में हनुमान जयंती पर वहां हुई हिंसा तो आप लोगों को याद ही होगी।
The Kerala Story फिल्म को बंगाल में बैन करने के पीछे क्या वजह है? आखिर क्यों वहां की सरकार ऐसा सच लोगों के सामने नहीं आने देना चाहती?
आज तक यही होता आया है की जब Bollywood मनोरंजन के नाम पर कुछ भी वाहियात और फालतू चीजें दिखाता है तो विरोध करने पर निर्माता/निर्देशक ये तर्क देते हैं की फिल्में तो समाज का आईना होती हैं, हम वही दिखाते हैं जो समाज में घटित हो रहा है।
बॉलीवुड के कहने के हिसाब से देखें तो समाज में जितनी भी अश्लीलता, फुहड़ता, घटियायी होती है सिर्फ उसे ही दिखाने का बॉलीवुड ने ठेका ले रखा था।
बड़े ही अफसोस की बात है की अभी तक ये बॉलीवुड वाले सिर्फ लव जिहाद को बढ़ावा देने वाली, अली मौला और इस्लामियत का प्रचार, हिंदू धर्म की बुराई, अश्लीलता, घटियाई और नंगापन ही दिखाते थे और हमारे समाज को अपनी फिल्मों के माध्यम से गलत संदेश देने की कोशिश करते थे।
लेकिन अब हमारा देश बदल रहा है। अब कुछ ऐसी रियलिस्टिक फिल्में भी बनना शुरू हुई हैं जिनमें जो कुछ वास्तव में देश के कई हिस्सों में घटित हुआ है या हो रहा है और जिस सच को जानना इस देश के हर नागरिक के लिए बहुत जरूरी है, वो छिपा हुआ सच दिखाया जा रहा है।
एक जिम्मेदार और देशभक्त फिल्मकार होने का असली फर्ज तो The Kashmir Files और The Kerala Story के निर्माता/निर्देशकों ने ही निभाया है।
सही मायने में ऐसे फिल्म निर्माताओं को ही देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया जाना चाहिए लेकिन यहां तो सब कुछ वोटों की ही खातिर किया जाता है। तभी तो जो लोग मुलायम सिंह यादव को रामभक्तों का हत्यारा बताते थे उन्हीं लोगों ने अब यादव वोटों की खातिर मुलायम सिंह यादव को मरणोपरांत पद्म विभूषण जैसा देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान देकर सम्मानित किया है।
इस देश में अच्छे दिन तो तभी आयेंगे जब इस देश के राजनैतिक दल और नेता अपना हर निर्णय वोटों के हिसाब से न लेकर देश और समाज के हित को ध्यान में रखकर लेना शुरू करेंगे।
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