Odisha train accident: ओडिशा के बालासोर में हुए दर्दनाक रेल हादसे में अब तक 288 लोगों की मौत हो चुकी है और 1000 से ज्यादा लोग घायल हैं। Odisha train accident का एक दुखद पहलू ये भी है की अभी तक करीब 182 शवों की पहचान नहीं हो पाई है।
Odisha train accident का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है की लूप लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी, कोरोमण्डल एक्सप्रेस को थ्रू पास का सिग्नल दिया गया था, फिर सिग्नल कैंसिल किया गया।
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एक ऐसा सवाल जो पूरा देश जानना चाहेगा की चलो सिग्नल कैंसिल किया पर ट्रेन लूप लाइन पर कैसे गई, जब लूप लाइन पर पहले से ही एक मालगाड़ी खड़ी हुई थी ?
एक लाइन से ट्रेन को दूसरी लाइन पर डालने के लिए कैंची डाली जाती है जिसे लिवर के माध्यम से बदला जाता है तब ही ट्रेन एक लाइन से दूसरी लाइन पर शिफ्ट होगी। अगर रेलवे कर्मचारी लिवर चेंज नही करेगा तो गाड़ी अपने सीधे ट्रैक पर चलती रहेगी। इस 3 गाड़ियों के एक्सीडेंट का रहस्य लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी के ही लूप लाइन पर जाकर 128 किलोमीटर प्रति घण्टे की स्पीड से टकराई कोरोमण्डल एक्सप्रेस।
बता दें की डबल ट्रैक पर अप व डाउन ट्रैक होते हैं। लूप लाइन हर स्टेशन पर एक्सट्रा लाइन होती है जो मुश्किल से दो किलोमीटर के आसपास होती है।
जब कोरोमण्डल एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकराई तो हादसा इतना भीषण था कि कोरोमण्डल एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी के डिब्बे पर चढ़ गया व इंजन के डिब्बे बंगलोर से हावड़ा जाने वाली सुपरफास्ट जो 117 किलोमीटर की स्पीड पर थी, दुर्घटना स्थल से आगे भी बढ़ चुकी थी, पीछे के 3 डिब्बों से कोरोमण्डल एक्सप्रेस के यात्रियों से खचाखच भरे हुए जनरल डिब्बे टकरा गए। यह टक्कर इतनी तेज थी की कोरोमण्डल एक्सप्रेस के जनरल डिब्बे दो टुकड़ों में बंट गए और उनके परखच्चे उड़ गए।
इन सब बातों पर गौर करें तो इस आशंका को बल मिलता है कि Odisha train accident कोई ट्रेन हादसा नही बल्कि एक सोची समझी साजिश है। ट्रेन को सिग्नल देकर सिग्नल कैंसिल? फिर सिग्नल कैंसिल हो गया पर ट्रेन पटरी बदलकर अपने आप तो लूप लाइन पर नही गई होगी, रेलवे कर्मचारी ने ही उसे लूप लाइन पर लिवर के जरिये शिफ्ट किया होगा?
अगर ट्रेन सिग्नल कैंसिल के बाद सीधी अपने ट्रैक पर सिग्नल से गाड़ी क्रॉस हो चुकी थी या तेज स्पीड के कारण ट्रेन सिग्नल कैंसिल के बाद भी आगे बढ़ी, ये जांच का विषय है।
सबसे बड़ी बात की यदि कोरोमण्डल एक्सप्रेस लूप लाइन पर शिफ्ट नही होती तो मालगाड़ी से नही टकराती व कोरोमण्डल एक्सप्रेस बंगलोर से हावड़ा जाने वाली ट्रेन अपने अपने ट्रैक पर आगे बढ़ जाती, क्योंकि सिंगल लाइन ट्रैक नही, डबल लाइन ट्रैक था मालगाड़ी सेफ लूप लाइन पर खड़ी थी ।
इन सभी बातों पर गौर करने से तो यही लगता है कि Odisha train accident कोई हादसा नही, कोई लापरवाही नही, जानबूझकर लूप लाइन पर कोरोमण्डल एक्सप्रेस को पहले से खड़ी मालगाड़ी के लूप लाइन पर शिफ्ट कर ये एक्सीडेंट करवाया गया है।
Odisha train accident के बारे में शायद आप लोगों को न पता हो की बालासोर (Balasore) जहां यह ट्रेन एक्सीडेंट हुआ है, उसका मूल नाम बालेश्वर है, और यह स्थान ही दुर्घटना की जाँच का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष भी है, क्योंकि इसी स्थान पर DRDO (Defence Research and Development Organisation की The Integrated Test Range laboratory स्थित है। जिसमें भारतीय वायुसेना के रॉकेट, मिसाईल और वायुसेना के प्रक्षेपास्त्रों से सम्बन्धित सामग्री को रखा जाता है। जो मालगाड़ी वहाँ खड़ी थी, वह उसी प्रकार के माल की आवाजाही का कार्य भी सम्पन्न करती है।
बहरहाल, रेलवे ने Odisha train accident हादसे की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। जांच में सब चेहरे बेनकाब होंगे। उम्मीद है की बहुत जल्द साजिश की परतें खुलेंगी और असली सच देश के सामने आएगा।
Odisha train accident यदि वाकई किसी खतरनाक साजिश का हिस्सा है तो यह हमारे देश के लिए एक बहुत बड़ी चिंता का विषय है।
हम Odisha train accident में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना करते हैं। ॐ शांति!!
महत्वपूर्ण सूचना
Odisha train accident: भारतीय रेल द्वारा उड़ीसा में घटित दुर्भाग्यपूर्ण रेल दुर्घटना में प्रभावित यात्रियों के परिजनों, जिनकों इस दुखद घटना की सूचना नहीं मिल पाई है, उनकी जानकारी के लिये प्रभावित यात्रियों की फोटो एवं सूची वेब-लिंक के माध्यम से जारी की गई है। भारतीय रेल द्वारा उड़ीसा सरकार की सहायता से इस दुर्भाग्यपूर्ण रेल दुर्घटना Odisha train accident में मृत व्यक्तियों की पहचान हेतु एक वेब-लिंक बनाया गया है, जिस पर दुर्घटना में मृत व्यक्तियों की फोटो तथा विभिन्न चिकित्सालयों में भर्ती घायल यात्रियों की लिस्ट जारी की गई है।
Odisha train accident दुर्घटना में मृत व्यक्तियों की फोटो निम्न वेब-लिंक पर उपलब्ध है-
Odisha train accident: ऐसे घायल यात्री जो उपचार हेतु विभिन्न चिकित्सालयों में भर्ती हैं उनकी सूची निम्न वेब-लिंक पर उपलब्ध है-
Odisha train accident: ऐसे घायल व्यक्ति जिनका इलाज एस.सी.बी. कटक में किया जा रहा है और अभी तक उनकी पहचान नहीं हो सकी है कि फोटो निम्न लिंक पर उपलब्ध है-
Odisha train accident: रेलवे हेल्पलाइन नम्बर 139, रेल दुर्घटना से प्रभावित यात्रियों को उनके परिवारजनों/रिश्तेदारों से मिलवाने के लिये 24 घंटे कार्यशील है। हेल्पलाइन नम्बर 139 को वरिष्ठ रेल अधिकारियों द्वारा मॉनिटर किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त बी.एम.सी. हेल्पलाइन नम्बर 18003450061/1929 भी 24 घंटे कार्यशील है। म्यूनिसिपल कमिश्नर ऑफिस, भुवनेश्वर द्वारा एक कंट्रोल रूम बनाया गया है।