अगर उनकी सरकार को खरोंच भी आई तो नुकसान जिले तक होगा: सीएम योगी

 

नमस्कार दोस्तों। आज हम उत्तर प्रदेश में सोमवार को हुई भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्रदेश कार्यसमिति बैठक के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा करेंगे। इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ महत्वपूर्ण बातें कही, जो पार्टी के भविष्य के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं।
भय, भ्रम और भीतरघात
योगी आदित्यनाथ ने अपनी बात की शुरुआत तीन महत्वपूर्ण शब्दों से की: भय, भ्रम और भीतरघात। इन शब्दों का महत्व और इनका राजनीतिक संदर्भ क्या है, यह जानना आवश्यक है।
भय का मतलब है डर, भ्रम का मतलब है गलतफहमी और भीतरघात का मतलब है अंदरूनी धोखा। ये तीनों शब्द राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और इनका सही उपयोग करके किसी भी राजनीतिक स्थिति को समझा जा सकता है।
बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति बैठक
उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने हाल ही में अपनी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक आयोजित की। इस बैठक में पार्टी के प्रमुख नेता, कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल हुए। जे पी नड्डा मुख्य अतिथि थे।
इस बैठक में योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर उनकी सरकार को खरोंच भी आई तो नुकसान जिले तक होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर दिल्ली दरबार उनकी सरकार के साथ किसी तरह का खिलवाड़ करता है तो उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
दिल्ली और लखनऊ के बीच की अदावत
दिल्ली और लखनऊ के बीच की अदावत भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। योगी आदित्यनाथ ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आज से दो हज़ार सत्ताईस की तैयारी में जुट जाइए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर आप आज से तैयारी में जुट जाएंगे तो परिणाम पक्ष में आएगा वरना नुकसान सबका होगा।
योगी आदित्यनाथ ने चुनाव हारने के पीछे की तमाम वजह भी बताई। उन्होंने कहा कि अति आत्मविश्वास हमको ले डूबा और सरकार की उपलब्धियों का प्रचार प्रसार नहीं हुआ।
संगठन बनाम सरकार
योगी आदित्यनाथ ने हार की तीन मुख्य वजहें बताईं:
* अति आत्मविश्वास
* सरकार की उपलब्धियों का प्रचार प्रसार नहीं होना
* सोशल मीडिया पर आक्रामक न होना
इन वजहों से संगठन और सरकार के बीच की लकीर और बड़ी हो गई। योगी आदित्यनाथ ने साफ़ तौर पर कहा कि अगर उनकी सरकार के साथ किसी तरह का खिलवाड़ दिल्ली दरबार करता है तो उसका खामियाजा भी भुगतना पड़ेगा।
2027 की तैयारी
योगी आदित्यनाथ ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आज से दो हज़ार सत्ताईस की तैयारी में जुट जाइए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर आप आज से तैयारी में जुट जाएंगे तो परिणाम पक्ष में आएगा वरना नुकसान सबका होगा।
योगी आदित्यनाथ ने चुनाव हारने के पीछे की तमाम वजह भी बताई। उन्होंने कहा कि अति आत्मविश्वास हमको ले डूबा और सरकार की उपलब्धियों का प्रचार प्रसार नहीं हुआ।
बीजेपी की चुनौतियाँ
बीजेपी के सामने दस विधानसभा सीटों का उपचुनाव है। यह एक बड़ी चुनौती है। योगी आदित्यनाथ खुद विधायकों से जिला पंचायत अध्यक्षों से मुलाकात कर रहे हैं। दस सीटों के चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ ने बता दिया है कि दो हज़ार सत्ताईस की तैयारी अभी से करिए। उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि अगर उनकी सरकार के साथ किसी तरह का खिलवाड़ दिल्ली दरबार करता है तो उसका खामियाजा भी भुगतना पड़ेगा।
योगी आदित्यनाथ का संदेश
योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में साफ़ तौर पर कहा कि वह दो हज़ार सत्ताईस के लिए तैयार हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि आज से तैयारी में जुट जाइए।
योगी आदित्यनाथ ने हार की जो वजह बताई हैं उससे संगठन बनाम सरकार की जो लकीर थी वह और बड़ी हो गई।
अति आत्मविश्वास
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अति आत्मविश्वास हमको ले डूबा। उन्होंने कहा कि हम अति आत्मविश्वास में थे और यह हमारे लिए नुकसानदायक साबित हुआ।
उन्होंने कहा कि सरकार की उपलब्धियों का प्रचार प्रसार नहीं हुआ और सोशल मीडिया पर हम आक्रामक नहीं थे।
सोशल मीडिया की भूमिका
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सोशल मीडिया पर हम आक्रामक नहीं थे। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का सही उपयोग नहीं किया गया और यह भी हमारी हार की एक वजह थी।
उन्होंने कहा कि अगर सोशल मीडिया का सही उपयोग किया जाता तो परिणाम अलग हो सकते थे।
आगे की राह
योगी आदित्यनाथ ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आज से दो हज़ार सत्ताईस की तैयारी में जुट जाइए। उन्होंने कहा कि अगर आप आज से तैयारी में जुट जाएंगे तो परिणाम पक्ष में आएगा वरना नुकसान सबका होगा।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर उनकी सरकार के साथ किसी तरह का खिलवाड़ दिल्ली दरबार करता है तो उसका खामियाजा भी भुगतना पड़ेगा।
निष्कर्ष (Conclusion)
उत्तर प्रदेश में बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति बैठक के बाद कई महत्वपूर्ण बातें सामने आईं। योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार के साथ किसी भी तरह के खिलवाड़ को लेकर दिल्ली दरबार को चेतावनी दी।
उन्होंने कार्यकर्ताओं से दो हज़ार सत्ताईस की तैयारी में जुट जाने का आह्वान किया।
आने वाले समय में देखना होगा कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में क्या बदलाव आते हैं और योगी आदित्यनाथ की सरकार कैसे आगे बढ़ती है।

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