Geothermal Cooling System for Home: हमारी धरती के लगभग दस फीट नीचे तापमान सम रहता है। वह ना तो गर्मी में 45 – 50℃ तक जाता व ना ही सर्दियों में 0 – 2 ℃ तक जाता। वह लगभग 20 – 22℃ ही रहता है। अगर हम मकान बनाने से पहले नींव खोदते समय अपने मकान के नीचे चित्र में दिखाये गये उपकरण को लगा लेंगे तो हमारे मकान में बारह महीने ताजा हवा आयेगी व हमारा घर प्राकृतिक रूप से वातानुकूलित हो जायेगा।
इसके विपरीत जब हम AC लगाते हैं तो हमें खिड़की व दरवाजे बंद करने पड़ते हैं जिससे हमारा शयन कक्ष एक कम ऑक्सीजन का चैंबर बन जाता है जो कि हमें अस्वस्थ करता है। बिजली का भी अनावश्यक दुरूपयोग होता है तथा पर्यावरण व स्वास्थ्य हानि के साथ साथ हमें बिजली के बिल के रूप में आर्थिक हानि भी होती है। इस यंत्र को लगाने व घर के हवा प्रवाह को सही कर लेने मात्र से हम बारह महीने शुद्ध हवा व नियमित तामपान का अपने घर में आनंद ले सकते हैं।
Geothermal Cooling System for Home: दरअसल इस टेक्नोलॉजी का नाम Geothermal Heating एंड Cooling सिस्टम है। इसके स्टार्टिंग एक्सपेरिमेंट भी काफी हद तक सक्सेसफुल रहे हैं, तो क्या है ये थर्मल हीटिंग एंड कूलिंग? आज इससे के बारे में डिटेल में जानेंगे कि किस तरीके से बड़े से बड़े घर या छोटे से-छोटे घर को हम थर्मल की मदद से ठंडा या फिर गर्म रख सकते हैं।
Geothermal Cooling System कैसे काम करता है?
Geothermal Cooling System for Home: संक्षेप में कहें तो, भूतापीय तापन आपके घर के नीचे या उसके पास पाइपों के भूमिगत लूप के माध्यम से तापमान-संचालन द्रव को स्थानांतरित करके काम करता है । यह द्रव को सूर्य से पृथ्वी में जमा तापीय ऊर्जा को इकट्ठा करने की अनुमति देता है। यह सबसे ठंडी सर्दियों में भी अच्छी तरह से काम करता है क्योंकि फ्रॉस्टलाइन के नीचे की धरती पूरे साल 55 डिग्री फ़ारेनहाइट पर स्थिर रहती है। गर्मी को पंप में वापस प्रसारित किया जाता है और फिर आपके डक्ट वर्क का उपयोग करके आपके पूरे घर में समान रूप से वितरित किया जाता है।
अनिवार्य रूप से, ऊष्मा स्थानांतरण प्रक्रिया विपरीत तरीके से काम करती है। यहाँ संक्षिप्त विवरण दिया गया है: जैसे ही आपके घर में हवा प्रसारित होती है, आपका हीट पंप हवा से गर्मी निकालता है और इसे उस तरल पदार्थ में स्थानांतरित करता है जो जमीन पर प्रसारित होता है। चूंकि जमीन कम तापमान (55F) पर होती है, इसलिए तरल पदार्थ से गर्मी जमीन पर फैल जाती है। आपके घर में ठंडी हवा का आना प्रसारित हवा से गर्मी निकालने, उस गर्मी को जमीन पर स्थानांतरित करने और ठंडी हवा को वापस आपके घर में वापस लाने की प्रक्रिया का परिणाम है।
Geothermal Heating एंड Cooling सिस्टम का वर्किंग प्रोसेस
तो सबसे पहले बात करते हैं कि इस पूरे के पूरे Geothermal Heating एंड Cooling सिस्टम का वर्किंग प्रिंसिपल क्या है। जिसकी मदद से यह हमारे घरों को सर्दी में गर्म और गर्मी में ठंडा रखता है। सबको पता है कि जब हम ठंड के समय में बोरवेल का पानी निकाल कर नहाते हैं तो वह पानी हल्का सा गर्म होता है और इसी तरीके से गर्मी के टाइम होता है तो बोरवेल का पानी ठंडा मिलता है तो ये AC भी इसी प्रिंसिपल के बेसिस पर डिजाइन हुआ है। अगर हम जमीन में कुछ मीटर नीचे चले जाते हैं तो सर्दी के टाइम पर हमें टेंपरेचर गर्म मिल जाता है और गर्मियों के टाइम पर उल्टा हो जाता है।
व्यापक स्तर पर, यह न केवल आपके घर की वायु गुणवत्ता पर लागू होता है, बल्कि सामान्य रूप से हमारे वातावरण पर भी लागू होता है। भूतापीय HVAC में अपग्रेड करना सबसे प्रभावशाली चीजों में से एक है जो आप एक स्वस्थ वातावरण का समर्थन करने के लिए कर सकते हैं। अकेले अमेरिका में एयर कंडीशनर हर साल वायुमंडल में 100 मिलियन टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं ।
भारत में भी Geothermal Cooling System for Home टेस्टिंग जारी और जल्द ही देश में आपको ये देखने को मिल सकता है। अधिक जानकारी के लिए आप Google पर जाकर Geothermal Cooling System for Home सर्च कर सकते हैं।