एक नई आशा-टाटा कैंसर हॉस्पिटल वाराणसी

कैंसर के इलाज के लिए अपने देश में टाटा कैंसर हॉस्पिटल, मुम्बई एकमात्र विश्वसनीय और सस्ता हॉस्पिटल है जहां पूरे देश के मरीजों के आने की वजह से मरीजों को दिखाने और सर्जरी के लिए 6 महीनों से भी ज्यादा की वेटिंग है जिसके कारण मरीज असमय इस जानलेवा बीमारी से मौत के कगार पर पहुंच जाते हैं। यूपी,बिहार में तम्बाकू के ज्यादा इस्तेमाल के कारण मुंह के कैंसर तथा अन्य कैंसर के मरीजों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है और मंहंगे इलाज के अभाव में लोग असमय इस जानलेवा बीमारी से मर रहे हैं।
मोदी की पहल पर शुरू हुआ अस्पतालमोदीजी ने इसके लिए वाराणसी में टाटा को राजी किया कि वो मुम्बई की एक ब्रांच वाराणसी में भी खोले जिससे यूपी के कैंसर रोगियों को भी समय से सस्ता इलाज मिल सके और वे असमय मरने से बच सकें। मोदी जी की पहल पर टाटा मेडिकल सेन्टर (TMC) मुम्बई ने परमाणु ऊर्जा विभाग और इंडियन रेलवे के सहयोग से लहरतारा, वाराणसी में अपनी एक ब्रांच मई 2018 में शुरू किया जहां यूपी, बिहार के मरीज मात्र 20-25 हजार रुपये में समय से कैंसर का इलाज करवा कर पूरी तरह ठीक हो जा रहे हैं तथा प्राइवेट अस्पतालों के मकड़जाल में फंसकर 10-15 लाख गंवाने से भी बच जा रहे हैं।अपने एक करीबी के इलाज के सिलसिले में मेरा भी पिछले दिनों इस अस्पताल में जाना हुआ, हमारे मरीज को मुंह का कैंसर था जो अभी पहली स्टेज में था लेकिन यदि आपरेशन में एक माह भी देर होती तो दिनरात में बढ़ने वाला कैंसर तेजी से फैलकर अंतिम स्टेज में पहुंच सकता था जो कि जानलेवा हो जाता और फिर मरीज को बचा पाना असंभव था। वाराणसी के टाटा कैंसर हॉस्पिटल द्वारा समय से इलाज व आपरेशन हो जाने से मरीज पूरी तरह ठीक हो गया और वो भी मात्र 25 हजार रुपये के खर्च में और देश केे महंगे प्राइवेट अस्पताल से भी अच्छी चिकित्सा व्यवस्था और देखरेख में।
फाइव स्टार होटल जैसी व्यवस्था
किसी 5 स्टार होटल जैसी हाई-फाई व्यवस्था, लिफ्ट, पूरी तरह वातानुकूलित कैंपस, चमचमाता हुआ फर्श, गंदगी का नामोनिशान नहीं, 24 घंटे चाक चौबंद मुस्तैद स्टाफ, 24 घंटे सेवाए देते डॉक्टर, और सबसे बड़ी बात डॉक्टरों का व्यवहार जो बिना किसी ईगो के बिल्कुल परिवार के सदस्यों जैसा व्यवहार करते हैं और हर मरीज को पूरा समय देते हैं और फीस कुछ भी नहीं।
अधिकतर सेवाएं मिलती हैं मुफ्त
सिरिंज, रुई, पट्टी, सैनिटाइजर, मरीज को चढ़ाई जाने वाली बोतल(सोडियम क्लोराइड), आपरेशन की फीस, सबकुछ एकदम मुफ्त। बेड का खर्च मात्र 280/- प्रतिदिन जिसमें मिलता है पूरी तरह रिमोट कंट्रोल वाला आटोमेटिक हाइड्रोलिक बेड जिसे मरीज रिमोट कंट्रोल द्वारा खुद एडजस्ट कर सकता है। साथ ही मरीजों के लिए उनकी इच्छा अनुसार अंडे, दूध, फल, जूस, सूप आदि तीनों टाइम मुफ्त में ताजा एवं शुद्ध स्वच्छ रूप में उपलब्ध कराया जाता है बिल्कुल मुफ्त।
दवाएं बाजार से आधे दाम पर उपलब्ध हैंसिर्फ दवाओं का खर्च लगता है वो भी दवाएं हॉस्पिटल के ही मेडिकल स्टोर में बाजार से आधे से भी कम दामों में उपलब्ध हैं।
अधिकतर मरीज बिहार से आते हैंसबसे बड़ी बात की जिस बिहार की जनता ने पिछले आम चुनावों में मोदीजी को वोट न देकर जातपात के नाम पर वोट दिया उसी बिहार के सबसे अधिक लोग इस हॉस्पिटल में इस समय कैंसर का इलाज न के बराबर खर्च में करा रहे हैं और मोदीजी की बदौलत असमय मरने से बच जा रहे हैं।
एक चमकता दमकता स्वर्ग सा अस्पताल, जहाँ पहुंचते ही मरीज में एक नई जीवनी शक्ति का संचार हो जाता है । काश इस देश में हर जगह ऐसे अस्पताल होते तो किसी का कोई अपना असमय काल के गाल में समाने से बच जाता।
मोदी ने दी है यूपी को बड़ी सौगात
अब मोदीजी ने लोगों के लिए क्या किया या नही इसका आकलन करने के लिए जातपात और दलगत सोच से ऊपर उठकर सोचें तो मोदीजी ने यूपी, बिहार की जनता को वाराणसी में टाटा कैंसर हॉस्पिटल की ब्रांच खुलवाकर ऐसी सौगात दी है जिसे भुलाया नहीं जा सकता।

*स्वरचित एवं पूर्णत: लेखक के स्वयं के अनुभव पर आधारित है।
©संजय राजपूत

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