ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है?

हर इक जिस्म घायल
हर इक रूह प्यासी
निगाहों में उलझन
दिलों में उदासी
ये दुनिया है या आलम-ए-बदहवासी
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है

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