कोरोना की पहली लहर में हम सबने देखा कि अधिकतर बुजुर्ग और बीमार लोग ही कोरोना के शिकार हो रहे थे, लेकिन कोरोना वायरस की दूसरी लहर (2nd Wave) में बहुत कुछ बदला है। इसका नया स्ट्रेन (Strain) पहले के मुकाबले ज्यादा तेज, जानलेवा और खतरनाक है।
सिर्फ नोएडा (Noida) के ही मरीजों के आंकड़ों पर गौर करें तो यह समझा जा सकता है कि इस बार वायरस पहली लहर की तुलना में कितना अलग है। बता दें कि नोएडा में कोरोना संक्रमित होने वाले 40% गंभीर मरीजों की उम्र 45 वर्ष से कम है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले 10 दिनों में जिले में 108 की एंबुलेंस ने 700 से ज्यादा गंभीर मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिसमें से 280 से अधिक मरीजों की उम्र 18-45 वर्ष के बीच थी। Experts की मानें तो इस आयु वर्ग के संक्रमित मरीजों के गंभीर हालत में पहुंचने की सबसे बड़ी वजह वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) न हो पाना और उनका सबसे ज्यादा वक्त तक घर से बाहर रहना माना जा रहा है।
45-60 वर्ष के मरीज सबसे ज्यादा गंभीर
यदि आंकड़ों पर गौर करें तो 18-45 आयु वर्ग के बाद सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित होने वाले लोगों में बुजुर्ग शामिल हैं। 45-60 वर्ष की आयु वर्ग के मरीज सबसे ज्यादा संख्या में गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। इस मामले में विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि सामान्यतः इस आयु वर्ग के लोगों में हाइपरटेंशन, डायबिटीज सहित अन्य गंभीर बीमारियां पहले से ही होती हैं। यही कारण है कि कोरोना संक्रमण के बाद इनकी हालत ज्यादा गम्भीर हो जाती है।
18 वर्ष से कम उम्र वाले मरीजों की भी बिगड़ी हालत
हालांकि इस बार 2nd Wave में 18 वर्ष से कम उम्र के गंभीर कोरोना संक्रमित मरीज भी मिले हैं। इन सभी का शहर के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। जबकि कोरोना की पिछली लहर में पिछले साल नोएडा में 29 वर्ष से कम उम्र का एक भी मरीज गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया था। हालांकि उनमें भी कोरोना के लक्षण थे, लेकिन उन्हें सांस लेने में ज्यादा तकनीफ नहीं थी।
गौतमबुद्ध नगर (Noida) के CMO डॉ दीपक ओहरी ने बताया कि कोरोना संक्रमण (Corona Infection) से ज्यादातर पहले से कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों (comorbidities) की मौत हुई है। इनमें बजुर्गों की संख्या अधिक है।
देश में इस वक्त एक्टिव हैं कोरोना के कई वैरिएंट
आपको बता दें कि भारत में कोरोना (coronavirus) का संकट अब विकराल रूप ले चुका है. कोरोना के सबसे पहले वैरिएंट (Varient) के अलावा देश में इस वक्त इसके यूके, अफ्रीकी और ब्राजील वैरिएंट एक्टिव हैं. इतना ही नहीं, भारत में एक नया वैरिएंट भी पाया गया है, जिसके सबसे ज्यादा मामले बंगाल में सामने आए हैं.
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