भ्रष्टाचार के इस युग में मुश्किल हुआ है जीना,
लूट-खसोट सब हजम कर जाते मेहनत का खून-पसीना।
कोई लेता प्यार से तो, कोई समझ अधिकार से, मुश्किल है अब बचकर रहना इस बढ़ते भ्रष्टाचार से।।
भ्रष्टाचार रूपी महामारी ने जकड़ा जैसे कोरोना, अब गरीब, मजदूर, किसान का मुश्किल हुआ है जीना।।
भ्रष्टाचार बना अब फैशन, भ्रष्ट हो गया देश का कोना-कोना, फिर भी जिम्मेदारों को है बड़े चैन से सोना।।
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