किसी शायर ने सच ही कहा है ‘इतना सच बोल की होंठों का तबस्सुम न बुझे’ मतलब की सच बोलने, लिखने या दिखाने का खामियाजा तो भुगतना ही पड़ता है। ऐसा ही कुछ आजकल हो रहा है सुदर्शन न्यूज़ चैनल के साथ।
सुदर्शन न्यूज़ चैनल को येन केन प्रकारेण बन्द कराने की साज़िश के तहत अमूल ने भी मज़हबी दवाब में अपने विज्ञापन देने बन्द कर दिए. इधर ‘डॉक्टर ऑर्थो’ का विज्ञापन भी सुदर्शन न्यूज़ पर अब दिख नहीं रहा है. सुदर्शन न्यूज़ की पिछले 15 साल की मेहनत और समर्पण का यह नतीजा दिया है हम राष्ट्रवादी कौम ने? दुर्भाग्य अधिकांश DTH प्लेटफार्म सुदर्शन न्यूज़ को दिखाते ही नहीं है.
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विश्वास मानिए.…अपने दम पर ऐसे-ऐसे अभियान चलाएं है सुरेश चव्हाणके ने कि आप दांतों तले उंगलियां दबा लेंगे ! आइए जानें….
जनसंख्या कानून लाने के लिए डेढ़ महीने की हज़ारों किलोमीटर लम्बी जनजागरण यात्रा का आयोजन किया सुदर्शन न्यूज़ ने ! पथराव और डंडों का प्रहार झेला, इस यात्रा ने ! दिल्ली सरकार ने पाकिस्तान से आये हिन्दू शरणार्थियों की बिजली काट दी. सुरेश चव्हाणके कई दिन तक इस शिविर में दल-बल लेकर धरना देकर बैठ गए ! केजरीवाल सरकार को अन्ततः बिजली जोड़नी पड़ी !
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दिल्ली के दर्जनों स्थानों से हिंदुओं का पलायन का मामला सुदर्शन न्यूज़ ने अपने ‘बिंदास बोल’ में बार बार दिखाया….पलायन रुका, पुलिस की मदद मिली ! विश्वास मानिए श्रीनिवास पूरी क्षेत्र में हिन्दू दंगा पीड़ितों के टूटे घरों और दरवाजों की मरम्मत तक इस न्यूज़ चैनल ने कराई है.
दिल्ली में सरकारी जमीन को घेर कर बनाई गई इबादतगाहों पर पूरी रिपोर्ट सुदर्शन न्यूज़ ने पूरे प्रमाणों और लाइव रिकार्डिंग के साथ दी ! यमुना नदी की जमीनों पर एक खास वर्ग द्वारा बनाई गई अवैध कालोनियों पर 7 दिन तक पूरी रिपोर्ट सुदर्शन न्यूज़ ने चलाई थी !
संजयबन पर बनाई गई दर्जनों कब्रों को सबसे पहले सुदर्शन ने दिखाया था ! धर्मान्तरण और ‘लव-जहाज’ पर सुदर्शन पिछले 15 साल से काम कर रहा है. नवयुवतियों को जागरूक कर रहा है. लाखों लोगों के धर्मांतरण को अकेले रोका है,इस चैनल ने !
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कितना लिखूं, क्या क्या लिखूं, कितने एहसान है सुदर्शन न्यूज़ के हम पर?
सुदर्शन न्यूज़ संदिग्ध राष्ट्रविरोधी- हिन्दुविरोधी लोगों को अपने चैनल में नौकरी पर नहीं रखता है ! देश के लिए लड़ने वाले हिंदुत्व की रक्षा में तत्पर लोग सदैव सुदर्शन न्यूज़ से आश्रय पाते हैं! हिंदुत्व और राष्ट्र के लिए प्राण न्योछावर करने को तत्पर श्रद्धेय यति नरसिंहानन्द सरस्वती को सुदर्शन न्यूज़ ने सबसे पहले इलेक्ट्रॉनिक मंच दिया !
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जिन्हें अन्य चैनल तुष्टिकरण के चलते त्याज्य समझते हैं वह वक्ता सुदर्शन न्यूज़ पर आकर अपनी बात रखने के लिए हमेशा स्वतंत्र है ! हम मरी हुई हिन्दू कौम पर सुदर्शन के बहुत एहसान हैं.
कहाँ तक लिखें ! सुरेश चव्हाणके को अरेस्ट किया गया. उनको सड़क पर चलने से रोका गया. उनके चैनल के लोगों पर पथराव हुए. मग़र सुदर्शन ने राह नहीं बदली ! शिवाजी के असली वंशज हैं सुरेश चव्हाणके ! विश्वास मानिए यह अतिशयोक्ति नहीं है.
सुरेश चव्हाणके के कार्यों को अर्चना-योग्य मानता हूं मैं ! देवी देवताओं के पराक्रम की कहानियां सुनी हैं हमने परंतु सुरेश चव्हाणके के त्याग और पराक्रम को आप और हम साक्षात देख रहे हैं !