मुंबई में कंगना रनाउत की “मणिकर्णिका फ़िल्म्ज़” का ऑफ़िस है, जिसे कंगना ने पंद्रह साल मेहनत कर के कमाया है। आज BMC मुम्बई के अधिकारी पूरी टीम लेकर कंगना के आफिस पहुंच गए। फीते से लेकर स्केल तक से एक एक इंच की नाप ली और शायद कुछ इंच का हेर फेर दिखाया है और कंगना के आने से ठीक पहले कल कंगना रनाउत का आफिस ढहाने की डेट दी गयी है। कल बुलडोज़र चला दिया जाएगा।
ये ठीक वैसे ही होगा जैसे नायक फ़िल्म में महाराष्ट्र में अनिल कपूर का घर सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए अमरीश पुरी द्वारा ढहा दिया गया था।
कंगना ने ट्विटर पर लिखा है की “मेरा ज़िंदगी में एक ही सपना था मैं जब भी फ़िल्म निर्माता बनूँ मेरा अपना खुद का ऑफ़िस हो, मगर लगता है ये सपना टूटने का वक़्त आ गया है, आज वहाँ अचानक BMC के कुछ लोग आए हैं और कल 8/9/2020 को मेरा आफिस तोड़ दिया जाएगा 🙂”
डिअर लिबरल्स, आपको फासीवाद देखना था न, रात दिन आप चिल्लाते थे की मोदी फ़ासिस्ट है, मोदी फ़ासिस्ट है….अरे मोदी फ़ासिस्ट नहीं है, बदले रंग रूप की हिंदू दमन करने वाली शिवसेना है असली फ़ासिस्ट और ये जो मुम्बई में हो रहा है ये है असली फासीवाद…
मुझे दुख है की हमारे भारत में एक गांव से चलकर मुम्बई तक अपने दम पर रास्ते बनाने वाली, एक मुकाम पर पहुंचने वाली लड़की का 15 साल का सपना कल केवल इसलिए तोड़ दिया जाएगा क्यूंकि उसने ठाकरे के सिस्टम, सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाई।
पूरे लाकडाऊन में घर के अंदर घुसे रहने वाले ठाकरे..याद रखें सपने भले तोड़ पाओ, हिम्मत नहीं तोड़ पायेगे।