बलिया के दुर्जनपुर गांव में हुए गोलीकांड के बाद जिस तरह से बैरिया, बलिया के विधायक सुरेन्द्र सिंह जी ने खुलकर आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ डब्लू का साथ दिया है वह आज की अवसरवादी राजनीति में एक मिसाल है। ऐसे में जब मीडिया सहित सभी लोग एक स्वर में गोलीकांड के आरोपी धीरेंद्र और उसके परिवार को ही दोषी ठहरा रहे हैं, जबकि कभी भी कोई घटना होती है तो उसके लिए सिर्फ एक ही पक्ष जिम्मेदार नहीं होता।
ऐसे में जब धीरेंद्र सिंह के बूढ़े माता-पिता, घर की महिलाओं और बच्चों को बुरी तरह से मारा पीटा जा रहा था तो अपनी तथा अपने परिवार की रक्षा में धीरेंद्र ने फायर किया जो किसी भी तरह से गलत नहीं कहा जा सकता। आत्मरक्षा में ऐसा करने की इजाजत इस देश का कानून भी देता है।
इस घटना के बाद बैरिया के विधायक सुरेंद्र सिंह फ्रंटफुट पर खेल रहे हैं। यकीन मानिए अगर समाज ने उनका साथ दे दिया तो वो इतिहास में एक बेहतरीन और अलग हटकर नजर आने वाले राजनेता बन जाएंगे वर्ना पैवेलियन में बैठना पड़ेगा.
अब तय समाज के लोगों को करना है कि इस बेहतरीन खिलाड़ी को राजनीति की पिच पर खेलते देखना है या फिर पैवेलियन में बिठाना है.
आज गर्व महसूस हो रहा है कि कोई नेता तो है जो खुलेआम क्षत्रियों का पक्ष ले रहा है। ऐसे ही सवर्ण नेता अगर संसद भवन में होते तो आज सवर्णों को एससी एसटी एक्ट (काला कानून) का सामना न करना पड़ता. ये वही विधायक जी है जिन्होंने SC/ST Act के विरोध में भाजपा को त्याग दिया था.
आज हमको जरूरत है ऐसे ही नेताओ की जो हमारी बात संसद भवन और विधानसभा में रख सके, नही चाहिए हमे चापलूस और केवल निंदा करने वाले राजनेता.
कोई नेता है जो अपनी विरादरी के लिए राजनीति छोड़ने की हिम्मत करे। यहाँ तो नेता राजनीति के लिए अपनी विरादरी को छोड़ देता है। ये फर्क है बागी बलिया सुरेन्द्र सिँह में और औरो में.
हमें मालूम है कि उनको पार्टी के हाईकमान द्वारा कितना जलालत झेलना पडेगा। यह भी सम्भावना है कि पार्टी द्वारा माननीय विधायक जी को निलंबित कर दिया जाय। राजपूत समाज आज अभी से शपथ ले कि हम सभी माननीय बिधायक जी का साथ मरते दम तक निभायेगे और अगर भारतीय जनता पार्टी आलाकमान ने विधायक जी के खिलाफ कोई भी कार्यवाही किया तो पूरा राजपूत समाज सडको पर उतरकर धरना, प्रर्दशन, आन्दोलन करेगा.
यूपी में SC/ST की हमदर्द बसपा है, यादवों की पार्टी सपा है लेकिन क्षत्रियों को सपोर्ट करने वाला कोई भी राजनैतिक दल नहीं है। तो क्यों क्षत्रिय अपना वोट किसी को दें? सभी देख रहे हैं कि सपा और बसपा ने इन बिरादरियों को संरक्षण और बढ़ावा देकर कहाँ से कहाँ पहुंचा दिया है। लेकिन आज क्षत्रियों के साथ खुलकर खड़े होनेवाला एक भी नेता दिखाई नहीं देता। ऐसे में क्षत्रियों को भी अब भाजपा का झंडा ढोना छोड़कर करणी सेना भारत के वीरू सिंह और सुरेंद्र सिंह जैसे लोगों को खुलकर सपोर्ट करना चाहिए।