पर्चा लीक और धाँधली के ख़िलाफ़ दिशा छात्र संगठन का आह्वान

गोरखपुर। दिशा छात्र संगठन के आह्वान पर परीक्षाओं में धांधली और पेपर लीक के खिलाफ़ देश भर में हो रहे प्रदर्शन के तहत आज गोरखपुर विश्वविद्यालय मेन गेट पर विरोध-प्रदर्शन किया गया और पर्चा वितरण किया गया।
दिशा छात्र संगठन की अंजली ने बात रखते हुए कहा कि पिछले कुछ साल छात्रों-युवाओं के लिए किसी भयानक दुःस्वपन से कम नहीं रहा है। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, तेलंगाना सहित देश के हर राज्य में अन्धाधुन्ध पेपर लीक हो रहे हैं और परीक्षाओं में धांधली हो रही है। नीट के परीक्षा में हुई धाँधली सम्भवतः आज़ाद भारत के इतिहास में परीक्षाओं में होने वाली सबसे बड़ी धाँधली है। यह केवल मेडिकल की तैयारी करने वाले छात्रों के साथ अन्याय नहीं हैं बल्कि देश की 140 करोड़ जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाली बात है।
इस तरह यूजीसी नेट की परीक्षा को पर्चा लीक की वजह से रद्द कर दिया गया और नीट पीजी तथा सीएसआईआर यूजीसी नेट की परीक्षा को टाल दिया गया। ख़बर है की मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा का भी पर्चा लीक हो चुका है। यह अचानक से होने वाली कोई घटना नहीं है बल्कि मामला काफ़ी बड़ा और गहरा है। 
पिछले सात वर्षों में 80 से ज़्यादा पर्चे लीक हो चुके हैं, दर्ज़नों परीक्षाओं को टाला जा चुका है और दर्ज़नों मामलों में छात्र सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के चक्कर काट रहे हैं । एक अनुमान के मुताबिक़ पिछले सात सालों में पर्चा लीक और परीक्षाओं में धाँधली की वजह से 1 करोड़ 80 लाख से ज़्यादा छात्र प्रभावित हुए हैं और लाखों छात्र अवसाद और निराशा में आत्महत्या तक के क़दम उठा रहे हैं। इतने बड़े पैमाने पर हो रही धाँधली के बाद भी जाँच के नाम पर केवल लीपापोती ही की है।
दिशा छात्र संगठन के अविनाश ने कहा देश भर में लगातार हो रहे पर्चे लीक की असली वजह सरकार की पूॅंजीपरस्त नीतियां तथा NTA और सरकार की लापरवाही है। शायद ही किसी प्रतियोगी छात्र को किसी परीक्षा में धाॅंधली न होने या पेपर लीक न होने का भरोसा बचा हो। पेपर लीक और धांधली होना अब नियम बन चुका है। नियुक्ति होने तक सालों लग जाते हैं। कई बार परीक्षा ही रद्द हो जाती है।  
एक अनुमान के मुताबिक़ पिछले 7 सालों में पर्चा लीक और परीक्षा में धाॅंधली की वजह से 1 करोड़ 80 लाख से ज़्यादा छात्र प्रभावित हुए हैं और लाखों छात्र अवसाद और निराशा में आत्महत्या तक के क़दम उठा रहे हैं। 
भविष्य की अनिश्चितता के कारण छात्र-युवा और अभिभावक हर क़ीमत पर अपने भविष्य को सुरक्षित कर लेना चाहते हैं। इसी बढ़ती असुरक्षा का फ़ायदा शिक्षा माफ़िया उठाते हैं और शासन में अपनी पकड़ का इस्तेमाल कर छात्रों के भविष्य का सौदा कर करोड़ों रुपये बना रहे हैं। 
इसलिए आज जरूरत है कि तात्कालिक तौर पर हमें ‘एक समान निःशुल्क शिक्षा और रोज़गार’ की गारण्टी, पारदर्शी परीक्षा के लिए और उदारीकरण-निजीकरण की नीतियों को रद्द करवाने के लिए देशव्यापी संघर्ष में उतरना होगा।
दिशा छात्र संगठन की प्रमुख मांगें-
1. पेपर लीक मामले की तत्काल जाँच करायी जाय, और साथ ही हर तरह के भ्रष्टाचार पर रोक लगायी जाय।
2. पर्चों की छपाई निजी प्रेसों की जगह सरकारी प्रेसों के माध्यम से करवायी जाय।
3. जिन परीक्षाओं में धाँधली हुई है, उससे प्रभावित छात्रों के नुकसान का मूल्यांकन कर उचित मुआवजा दिया जाय।
4. उदारीकरण-निजीकरण की नीतियों को वापस लिया जाए और सभी सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों को तत्काल भरा जाय।
 5. “भगतसिंह राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी क़ानून” पारित करके सबको पक्के रोज़गार की गारण्टी की जाय।
 6. सबको एकसमान व निःशुल्क शिक्षा और सबको रोज़गार की गारण्टी को मूलभूत अधिकारों में शामिल करो.

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