आईआईटी मुंबई से इंजीनियरिंग, कनाडा में 36 लाख की नौकरी छोड़ ये शख्स क्यों बना संन्यासी?

iit baba abhay singh story: महाकुंभ 2025 में आए एक अनोखे बाबा की चर्चा आजकल हर तरफ हो रही है। ये हैं अभय सिंह उर्फ़ IITian बाबा, इन्होंने IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। कनाडा में भी नौकरी करके आए, वहां इनका साल का 36 लाख का पैकेज था। इन्होंने उसे छोड़ दिया, यही नहीं इन्होंने स्वयं कबूला है कि इनकी 4 साल तक एक गर्ल फ्रेंड भी रही है, यह दारू, सिगरेट सबकुछ पीते थे। इनका शादी से भरोसा इसलिए उठा क्योंकि इनके पेरेंट्स आपस में लड़ाई करते थे जब हर जगह दुनिया से भरोसा उठा तो अभय सिंह ने संन्यास का मार्ग अपना लिया और ईश्वर की खोज में निकल पड़े।

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अभय सिंह उर्फ़ IITian बाबा की कहानी एक असाधारण परिवर्तन की दास्तान है। बचपन से ही तेजस्वी दिमाग वाले अभय ने IIT बॉम्बे से बी.टेक किया और कनाडा में सालाना 36 लाख के पैकेज पर नौकरी की। उनके जीवन में हर वह चीज़ थी जिसे समाज “सफलता” मानता है।

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लेकिन, उनकी इस बाहरी चमक-दमक भरी ज़िंदगी के पीछे एक गहरी व्यक्तिगत उथल-पुथल थी। उन्होंने खुद स्वीकारा कि वे दारू, सिगरेट जैसी बुरी आदतों में फंसे थे और उनकी एक गर्लफ्रेंड भी थी। शादी और रिश्तों से उनका भरोसा इसलिए उठ गया क्योंकि उनके माता-पिता के बीच लगातार झगड़े होते थे।

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इन सबके बीच, अभय को महसूस हुआ कि भौतिक सुख और बाहरी सफलता जीवन का अंतिम लक्ष्य नहीं है। जब दुनिया के प्रति उनका विश्वास डगमगाया, तो उन्होंने आध्यात्म का मार्ग अपनाया और सत्य की खोज में निकल पड़े।

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बताते हैं कि अभय सिंह IIT से Btech कर एक अच्छी खासी नौकरी, महिला मित्र, एक अच्छी जिन्दगी जिस पर हर किसी को नाज हो। लेकिन एक धोखे ने सब कुछ छीन लिया। इस घटना ने सन्यास की ओर प्रेरित कर दिया।
अभय सिंह एक लड़की से प्रेम करते थे। प्रेम में मिले धोखे ने इनको इस कदर परेशान किया कि यह सांसारिक मोह माया त्याग कर भगवान की भक्ति में लीन हो गए और संन्यासी बन गए।।

अभय बताते हैं कि आईआईटी मुंबई में एडमिशन लेने के बाद उन्हें भी भविष्य को लेकर काफी चिंता हुई और जानने की कोशिश की कि आखिर आगे क्या करना है। इस दौरान, वह भारी डिप्रेशन में भी आ गए। उन्होंने कहा, ”मैं बहुत डिप्रेशन में आ गया था, नींद नहीं आती थी। यह जानने की कोशिश करता रहता था कि आखिर दिमाग क्या है, मुझे नींद क्यों नहीं आ रही हैं। यही सब जानने के लिए साइक्लोजी की भी पढ़ाई की। बाद में इस्कॉन और कृष्ण भगवान के बारे में भी जाना।”

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आज, “IITian बाबा” के नाम से जाने जाने वाले अभय सिंह संन्यासी बनकर समाज को जीवन के गहरे अर्थ और ईश्वर से जुड़ने की प्रेरणा दे रहे हैं। उनका यह सफर कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो यह बताता है कि सच्ची शांति बाहरी उपलब्धियों में नहीं, बल्कि आत्मा की खोज में है।

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